पटना में खजूर की खपत रमजान के महीने में दस गुना तक बढ़ी
राजधानी में दो हजार रुपए किलो तक बिक रहा खजूर
पटना: राजधानी में खजूर की खपत रमजान के महीने में दस गुना तक बढ़ गई है. कीमत की बात करें तो दो हजार रुपए किलो तक है. खजूर कारोबारी राकेश बताते हैं कि राजधानी में कलमी खजूर सात सौ रु किलो से लेकर सौ रुपये किलो बिक रहा है. मध्यवर्गीय घरों में इस वैराइटी के खजूर की मांग से ज्यादा है.
इसके अलावा राजधानी में मैजूल्ड, कीमिया खजूर भी काफी महंगा बिकता है. पहले पटना में दस ट्रक प्रति माह खजूर की खपत होती थी, जो रमजान में बढ़कर सौ ट्रक होने का अनुमान है. खजूर व्यवसायियों के मुताबिक दस ट्रक खजूर तो रमजान के पहले तीन दिनों में ही बिक गए.
रमजान के दौरान बड़ी संख्या में रोजेदार खजूर से रोजा खोलते है. रोजेदारों के लिए रमजान में खजूर का महत्व स्वास्थ्य के साथ-साथ धार्मिक भी है. डॉ.एस के गुप्ता बताते हैं कि लंबे उपवास के दौरान खजूर शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है. इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
जहिदी खजूर की सबसे ज्यादा बिक्री : रमजान में पटना में खजूर की कई वैराइटी बाजार में बिक रही है. सबसे अधिक खपत पटना में जाहिदी (पीला) खजूर की है. पटना में यह सौ से तीन सौ रुपये किलो बिक रहा है. खजूर कारोबारी राकेश कुमार बताते हैं कि रमजान में पटना में इस खजूर की सबसे अधिक मांग है. सस्ता होने के कारण इसकी बिक्री पटना में कुल खजूर बिक्री का 70 से 75 प्रतिशत तक है.
विदेशों से हो रही आवक
खजूर की आवक विदेशों से हो रही है. राजधानी में ईरान, इराक, संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों से खजूर की आवक है. जाहिदी खजूर विदेशों से 10 से 25 किलोग्राम के पैक में पटना पहुंच रहा है. मैजूल्ड, कलमी, कीमिया जैसे महंगे खजूर आधा किलो से एक किलो के पैकेट में आते हैं. खजूर व्यापारी बताते हैं कि पटना के बाजार में रमजान के दौरान खजूर की 40 से अधिक वैराइटी उपलब्ध है.