सिवान न्यूज़: रात जिला पुलिस प्रशासन के लिए काफी भारी रहा. जहरीला पदार्थ या शराब से मौत होने की सूचना ने सबके कान खड़े कर दिए. शराब सेवन करने वालों की तबीयत खराब होने के बाद सदर अस्पताल में की देर रात तक चीख- पुकार मची रही.
तबीयत बिगड़ने के कारण एक के बाद एक मरीजों को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया जा रहा था. इधर, जिले के कई अस्पतालों से एंबुलेंस को बाला गांव मंगवाया जा रहा था. वहीं, एंबुलेंस में एक साथ कई मरीजों को लाकर सदर अस्पताल में भर्ती कराने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा. धीरे-धीरे एक के बाद एक इलाजरत मरीज की तबीयत बिगड़ती रही और उन्हें पटना के लिए रेफर किया जाता रहा. वहीं कुछ ही घंटों में इलाजरत दो लोगों ने दम तोड़ दिया. इधर अचानक तबीयत बिगड़ने और रेफर से मौत होने तक परिजन परेशान रहे. उ
न्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या करें. बावजूद, इसके वे शराब पीने की बात खुलकर बताते रहे. उनका कहना था कि शराब पीने से ही सभी की तबीयत बिगड़ी है. पुलिस व प्रशासन इस मामले में कुछ भी कहने से बचता दिखायी दिया. उनका स्पष्ट कहना था कि मृतकों के पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा.
शराब पीने के बाद बाप-बेटे एक साथ अस्पताल में भर्ती लकड़ी नबीगंज प्रखंड का बाला गांव सबसे अधिक चर्चा में रहा. कारण था कि जहरीली शराब के सेवन से नरेश राउत की मौत के बाद भी कई लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी थी. बताया गया कि प्रखंड में पहली मौत नरेश राउत की ही हुई लेकिन इसे लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया और बिना पोस्टमार्टम कराए ही उसका दाह- संस्कार कर दिया. लेकिन, जब शराब का सेवन करने वाले अन्य लोगों की तबीयत भी बिगड़ने लगी तो परिजन परेशान हो गए और सभी को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की व्यवस्था में जुट गए. सदर अस्पताल में भर्ती कराए जाने वालों में कई के शरीर में बेचैनी व मुंह सूखने जैसी लक्षण दिखायी दे रही थी और कई बमुश्किल ही बोल पा रहे थे. वहीं दुलम मांझी ने बताया कि उसने शराब का सेवन किया था और फिलहाल उसका मुंह सूख रहा था. उसे इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था और उसके परिजन भी उसके साथ थे. हद तो तब हो गयी जब पता चला कि उसका बेटा नीरज भी उसके बगल वाले बेड पर पड़ा है. डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं. दोनों सुबह दस बजे तक सदर अस्पताल में ही इलाजरत थे.