बक्सर न्यूज़: सरकार का स्वच्छता रिकार्ड भले ही कागजों में विकास की कहानी बयां कर रहा हो. लेकिन, प्रखंड में स्वच्छता अभियान के तहत बने शौचालयों की स्थिति जर्जर है. नतीजतन, ग्रामीण शौचालयों का उपयोग नहीं कर पाते.
प्रखंड को ओडीएफ मुक्त करने का दावा हवा-हवाई बना हुआ है. इसका खुलासा बीडीओ मिथिलेश बिहार वर्मा के निरीक्षण में हुआ. निरीक्षण के दौरान केसठ के वार्ड 18, कतिकनार के वार्ड 10, 8 एवं 1 में सामुदायिक शौचालयों की हालत खस्ता पाई गई.
कई शौचालय में ताला, किसी में गंदगी का अंबार तो किसी में सुविधाएं नहीं होने से आमजन खुले में जाने को मजबूर हैं. स्वच्छता और शौचालय की व्यवस्था के प्रति उदासीनता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कतिकनार के वार्ड 1 में शौचालय के पास लगे चापाकल को चुरा लिया गया है.
वहीं, वार्ड 10 में बने सामुदायिक शौचालय के स्नानागार में सत्यनारायण यादव ने जलावन रखा है. जिसे बीडीओ द्वारा दो दिनों के अंदर हटाने का फरमान दिया गया. वहीं, खराब पड़े चापाकल की मरम्मत के लिए पीएचडी कर्मी को निर्देश दिया गया है.
इस दौरान संबंधित कर्मियों को फटकार लगाते हुए बीडीओ ने कहा कि शीघ्र सामुदायिक शौचालय की सफाई, सुविधाएं एवं भवन का रंग रोगन पूरा कराया जाए.
ग्रामीणों का कहना था कि स्वच्छता कर्मियों और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते सामुदायिक शौचालय जर्जर हो गए हैं.