शहरवासियों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं, 22 पियाऊ खराब
एक पियाऊ पर निगम का करीब ढाई लाख रुपये खर्च हो गये
बेगूसराय: शहर में प्रवेश करने वाले, फुटपाथी दुकानदारों से लेकर आमलोगों को शुद्ध पेयजल के नाम पर निगम की ओर से 52 पियाऊ लगाये गये. एक पियाऊ पर निगम का करीब ढाई लाख रुपये खर्च हो गये. वर्तमान स्थिति यह है कि 52 में से 22 पियाऊ खराब पड़े हैं. चालू हालत में है उसकी सही तरीके से सफाई तक नहीं हो पा रही है. इस बार गर्मी ने फिर से दस्तक दे दी है.
भीषण गर्मी में शहरवासियों को इस बार भी शुद्ध पेयजल के लिए इंतजार करना पड़ेगा. बाघी, बाघा, वीर कुंवर सिंह चौक समेत 22 स्थानों पर पियाऊ से पानी नहीं टपक रहा है. जहां पानी टपक रहा है वहां पानी की निकासी की व्यवस्था तक नहीं है. शहरी क्षेत्र में वैसे जगह पियाऊ के लिए समरसबल बोरिंग गाड़े गये हैं जहां शहर का मुख्य नाला से गंदा पानी का बहाव होता है. ऐसे में पियाऊ से निकलने वाला पानी आमलोगों के लिए पीने लायक है या नहीं यह भी सवालिया निशान खड़ा कर रहा है. बस स्टैंड परिसर में शुद्ध पेयजल के नाम पर महज तीन चापाकल हैं.
एक घड़ावाला पियाऊ था उसे निगम की ओर से तोड़कर हटा दिया गया है. जबकि हजारों यात्रियों का आना जाना प्रतिदिन होता है. पार्षद राजीव रंजन, वीआईपी नेता समीर सिंह चौहान ने बताया कि पियाऊ के नाम पर निगम का एक करोड़ 30 लाख रुपये से अधिक खर्च हो गये. लेकिन इससे लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा है. उन्होंने पियाऊ की टंकी की सही तरीके से सफाई कराने की मांग की है ताकि लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब हो सके.
क्या कहती हैं मुख्य पार्षद
मुख्य पार्षद पिंकी देवी ने बताया कि शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना निगम की प्राथमिकता है. पियाऊ व आसन्न वर्षा को देखते हुए निगम के सामान्य बोर्ड की बैठक थी. लेकिन पीएम के कार्यक्रम को देखते हुए बैठक अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है. जो भी बंद पियाऊ हैं उसे समय से पहले ठीक कराया जाएगा. टंकी की सफाई होगी. जरूरत पड़ने पर अस्थायी पियाऊ लगाये जाएंगे.