बिहार | प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही और उसके तीन बॉडीगार्ड की हत्या के मामले की जांच में जुटी सीआईडी की टीम एलएस कॉलेज के पास रंजना भादुड़ी पर हुई फायरिंग में उसके नौकर की हत्या की फाइल खंगाल रही है. सीआईडी के तीन अधिकारी इस केस का फाइल देखने के लिए काजी मोहम्मदपुर थाना पहुंचे. केस को पुलिस फाइनल कर चुकी है.
जांच में पुलिस ने किसी को दोषी नहीं पाया है. सीआईडी ने केस फाइल के साथ उस समय और छानबीन के दौरान दर्ज की गई तमाम स्टेशन डायरी को देखा. इस दौरान उसकी प्रति भी ली. जानकारी ली कि किन लोगों को मामले में नोटिस जारी कर थाने बुलाया गया था. उसका स्टेशन डायरी में जिक्र किया गया या नहीं.
ऐसे कई बिंदुओं पर दो घंटे तक पड़ताल करने बाद सीआईडी के अधिकारी काजी मोहम्मदपुर थाने से लौटे.
शिक्षिका रंजना भादुड़ी पर मार्च 2013 में फायरिंग की गई थी. वह अपने बरामदे पर थीं. तभी बाइक से आए दो बदमाशों ने उनको निशाना बनाकर गोली चलाई. बीच में उनका नौकर राजेंद्र आ गया. उसे गोली और उसकी मौत हो गई. काजी मोहम्मदपुर थाने में इसकी एफआईआर दर्ज हुई थी. पुलिस जांच में सामने आया कि रंजना भादुड़ी पर जमीन बेचकर बंगाल चले जाने का दबाव बनाया जा रहा था. दबंग प्रॉपर्टी डीलर का ग्रुप इसमें सक्रिय था. रंजना भादुड़ी पर इसी उद्देश्य से फायरिंग की गई थी, ताकि वह डर जाए. लेकिन, गोली उसके नौकर को लग गई. कई वर्षों तक रंजना भादुड़ी पुलिस कार्रवाई का इंतजार करती रही. उन्हें स्पष्ट कह दिया था कि जो लोग इस कांड के पीछे हैं, उनका कुछ नहीं होगा. अंतत उन्हें जमीन बेचकर पश्चिम बंगाल जाना पड़ा था.