पटना तख्त साहिब के मुख्यग्रंथी कृपाण से हुए जख्मी, अस्पताल में भर्ती

तख्त श्रीहरमंदिरजी के मुख्य ग्रंथी भाई राजेंद्र सिंह गुरुवार की सुबह अपने कमरे में गर्दन में कृपाण घुस जाने के कारण गंभीर रूप से जख्मी हो गये हैं।

Update: 2022-07-25 18:30 GMT

तख्त श्रीहरमंदिरजी के मुख्य ग्रंथी भाई राजेंद्र सिंह गुरुवार की सुबह अपने कमरे में गर्दन में कृपाण घुस जाने के कारण गंभीर रूप से जख्मी हो गये हैं। उनका इलाज पीएमसीएच में चल रहा है। यहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। घटना के संबंध में यह बात सामने आ रही है कि उन्होंने खुद से वार कर आत्महत्या का प्रयास किया है।

घटना की जानकारी होते ही गुरुघर में अफरातफरी मच गयी। आनन फानन में परिजनों द्वारा उन्हें जीजीएस अस्पताल ले जाया गया। यहां प्रारंभिक उपचार के बाद उन्हें पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। मुख्यग्रंथी अपनी पत्नी के साथ तख्त परिसर में लंगर हॉल के पीछे एक कमरे में रहते हैं। गुरुवार की सुबह पत्नी दूसरे कमरे में काम कर रही थी, अचानक उसने देखा कि वृद्ध राजेन्द्र सिंह अपने बेड पर गिरकर छटपटा रहे हैं और उनके गर्दन से खून निकल रहा है। घटना की जानकारी होते ही सेवादार व परिजन पहुंचे और उन्हें अस्पताल पहुंचाया।
जीजीएस अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अलख प्रसाद ने बताया कि गले का ट्रेकिया कटने की वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसलिए प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए उन्हें पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। इधर प्रबंधक कमेटी के महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह ने घटना के संबंध में मोबाइल पर बताया कि मुख्यग्रंथी द्वारा स्वयं ही गर्दन पर वार करने की बात सामने आयी है। वे बीमारी की वजह से गुरुघर की सेवा में शामिल नहीं हो रहे थे। जिससे वे तनाव में थे। एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि सूचना मिलने पर चौक पुलिस जांच के लिए गयी थी। घटना के संबंध अभीतक परिवार की ओर लिखित सूचना नहीं दी गयी है। मामले की छानबीन की जा रही है।

तनाव में थे मुख्यग्रंथी
हाल के दिनों में हुई घटनाओं को लेकर मुख्यग्रंथी भाई राजेन्द्र सिंह तलाव में थे। प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा विजयादशमी के दिन उनके साथ-साथ कई लोगों की सेवानिवृति की घोषणा के बाद तख्त साहिब में सदस्यों के बीच काफी विवाद हुआ था। इधर सेवादार कल्याण समिति के अध्यक्ष सरदार बलराम सिंह ने आरोप लगाया है कि हाल के दिनों में उन्हें कमरा खाली करने का दबाव भी बनाया जा रहा था। इसको लेकर वे काफी तनाव में थे। उनका कहना है कि इस मामले को लेकर संघर्ष किया जाएगा। इससे पहले भी दो दशक पहले राजेन्द्र सिंह को जत्थेदार बनाने की बात चली थी तो कुछ लोगों ने विरोध शुरू कर दिया था। जिसके बाद भाई राजेन्द्र सिंह पीछे हट गए थे। मृद़भाषी स्वभाव के भाई राजेन्द्र सिंह की स्थिति को लेकर सेवादारों ने चिंता जतायी है। प्रशासनिक पक्ष इसे आत्महत्या का प्रयास बता रहा है। वहीं सेवादारों का कहना है कि भाई राजेन्द्र सिंह साजिश के शिकार हुए हैं। घटना का कोई चश्मदीद नहीं होने के कारण मामला पेचिदा होता जा रहा है। मुख्यग्रंथी के कमरे के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरा भी पिछले कई दिनों से खराब पड़ा है। परिजनों का कहना है कि उनके गर्दन पर तीन जख्म के निशान हैं, ऐसे में आत्महत्या का प्रयास संदेहास्पद लगता है। कुल मिलाकर जबतक भाई राजेन्द्र सिंह बयान देने की स्थिति में नहीं आ जाते हैं, मामला संदेह के घेरे में है।
वहीं चौक पुलिस का भी कहना है कि उके बयान के बाद घटना स्पष्ट हो सकेगा। वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को प्रबंधक कमेटी के सचिव हरवंश सिंह, उपाध्यक्ष लखविंदर सिंह, सदस्य राजा सिंह, पूर्व महासचिव महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन, सेवादार समाज कल्याण समिति के मुख्य संरक्षक त्रिलोक सिंह निषाद, मानवाधिकार संघ के सदस्य आनंद मोहन झा समेत अन्य लोगों ने पीएमसीएच पहुंच कर मुख्यग्रंथी का हाल जाना। डॉक्टरों के अनुसार गर्दन में गंभीर जख्म की वजह से उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है।


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