पटना। छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। गुरुवार की सुबह तक 31 लोगों के मरने की सूचना है, लेकिन आज सुबह तक 29 और लोगों ने दम तोड़ दिया, जिसे मिलाकर अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं दो दर्जन से अधिक जहरीली शराब पीने के बाद अंधे हो गए हैं। उधर शराब पीने के बाद मरने वाले 31 लोगों का बिना पोस्टमार्टम के ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृतकों में सबसे ज्यादा मशरक के 15 लोग शामिल हैं। वहीं, अमनौर के 7 एवं मढ़ौरा के 3 व्यक्ति की मौत हुई है। अब भी शराब पीने से कई लोगों की हालत गंभीर है, जिससे मृतकों का आंकड़ा बढ़ेगा।
एफएसएल की टीम जांच के लिए मशरक पहुंची। बहरौली में घटनास्थल का मुआयना किया। यहां सबसे ज्यादा 23 लोगों की मौत हुई है। टीम ने लोगों से पूछताछ कर महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की और कुछ नमूने भी एकत्र किये। मृतकों के घर और संभावित शराब विक्रेताओं के अड्डों पर बारीकी से जांच पड़ताल की। नमूनों की जांच के बाद टीम अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इधर मद्य निषेध विभाग के संयुक्त निदेशक कृष्णा पासवान के नेतृत्व में भी टीम पहुंच कर जगह-जगह छापेमारी कर रही है।
मृ़तकों के परिजनों की चीख-पुकार से पूरे इलाके में मातम का माहौल है। इस कांड के खिलाफ लोगों ने अमनौर -भेल्दी एसएच -102 को जाम कर दिया। लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ कड़ी नाराजगी जाहिर की। आक्रोशित ग्रामीण थाना के अंदर घुस गए। इनका आरोप था कि शराब माफिया हुस्सेपुर में हावी हैं। बेखौफ कारोबार हो रहा है। इस बीच अमनौर में लोगों ने मौत के विरोध में थाने का घेराव करते हुए रास्ते को जाम कर आगजनी की। थाना के गेट के सामने शव रखकर लोग हंगामा करने लगे। इस मामले में सांसद राजीव प्रताप रूडी ने गृह मंत्री से मिल कर टीम भेजने की मांग की। पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी, जाप नेता पप्पू यादव समेत कई बड़े नेताओं ने मशरक व बहरौली पहुंच कर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। इधर, माकपा ने प्रतिरोध मार्च निकाला।