राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर CBI का रेड, विरोध कर रहे RJD कार्यकर्ता को जड़ा थप्पड़

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Update: 2022-05-20 17:34 GMT

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड पर शुक्रवार को तकरीबन 14 घंटे तक चली CBI रेड के बाद जब सीबीआई के अधिकारी बंगले से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे तो उन्हें आरजेडी कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा.

सीबीआई अधिकारियों को उनके गाड़ी में बैठा कर राबड़ी आवास से वापस भेजने में पटना पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. इन सबके बीच सीबीआई के अधिकारियों को निकलने में आ रही परेशानी के दौरान खुद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को घर के बाहर आकर नाराज कार्यकर्ताओं को शांत करना पड़ा.
कार्यकर्ताओं को शांत कराने के दौरान राबड़ी देवी भी अपना आपा खो बैठीं और एक कार्यकर्ता को थप्पड़ जड़ दिया. राबड़ी देवी के बड़े बेटे और विधायक तेज प्रताप यादव भी घर के बाहर मौजूद थे. राबड़ी देवी और तेज प्रताप के समझाने बुझाने के बाद आखिरकार नाराज कार्यकर्ताओं ने सीबीआई अधिकारियों को जाने दिया.
बता दें कि केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने लालू यादव से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की है. जांच एजेंसी ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित जगहों पर ये छापेमारी की है.
सीबीआई ने ये कार्रवाई भर्ती घोटाले को लेकर की है.आरोप है कि जॉब लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे. सीबीआई ने इसी मामले में जांच के बाद लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा यादव, हेमा यादव और कुछ ऐसे उम्मीदवारों पर केस दर्ज किया है, जिन्हें प्लॉट या प्रॉपर्टी के बदले जॉब दी गई.
वहीं सीबीआई टीम की इस कार्रवाई का आरजेडी कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया. विरोध का आलम यह रहा कि कार्यकर्ताओं से बचाने के लिए राबड़ी और तेजप्रताप को खुद सीबीआई अफसरों को गेट तक छोड़ने आना पड़ा. इस दौरान एक कार्यकर्ताओं को समझाने-बुझाने के दौरान राबड़ी देवी भी गुस्से में कंट्रोल न कर सकीं और एक कार्यकर्ता को थप्पड़ जड़ दिया.
'131 प्लॉट और 30 से ज्यादा मकान कहां से आए?'
बिहार में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने लालू यादव और उनके परिवार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने पूछा कि लालू यादव और उनके परिवार के पास 131 भूखंड और 30 से ज्यादा मकान और लगभग इतने ही फ्लैट हैं. सुशील मोदी ने कहा कि क्या लालू यादव और उनका परिवार ये बता सकता है कि 35 साल के राजनीतिक कॅरियर में उनके पास इतनी संपत्ति कहां से आई.
सुशील मोदी हमला करते हुए कहा कि लालू यादव का ये मामला जमीन के बदले नौकरी देने से संबंधित है. सबसे पहले लालू यादव की ही पार्टी के शिवानंद तिवारी और ललन सिंह ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सामने ये मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा कि तब सरकार में लालू यादव मंत्री थे और इस कारण मामले की जांच शुरू नहीं हो पाई थी.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि इसके बाद साल 2017 में उन्होंने प्रमाण के साथ इस मामले को उठाया था जिसके बाद सीबीआई ने जांच शुरू की थी. सुशील मोदी ने कहा कि शायद अब सीबीआई को और जानकारी मिली होगी इसलिए छापेमारी चल रही है.
'किताब लिखी है लालू-लीला'
सुशील मोदी ने कहा कि लालू यादव, उनकी पत्नी, उनके बेटे तेजस्वी यादव पहले ही जमानत पर हैं. बीजेपी नेता कहा कि उन्होंने उन्होंने लालू यादव के भ्रष्टाचार पर एक किताब लिखी हैं 'लालू लीला'. इस किताब में चारा घोटाले से लेकर नौकरी के बदले जमीन घोटाले तक, लालू यादव के घोटालों का सच लिखा है. लालू यादव का भ्रष्टाचार से चोली-दामन का साथ हैं.
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