गैंगरेप और हत्या की वारदात का मामला, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

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Update: 2022-05-11 16:05 GMT

सुपौल: बिहार के सुपौल में साल 2019 में गैंगरेप और हत्या की वारदात में पॉक्सो कोर्ट के जज पाठक आलोक कौशिक ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने पीड़िता के परिजन को आठ लाख रुपये मुआवजा देने के साथ 10 लाख रुपये अतिरिक्त राशि देने का आदेश दिया.

सुपौल के प्रतापगंज में 8 अक्टूबर 2019 को पीड़ित परिवार के लोग दुर्गा पूजा की मेला देखकर लौट रहे थे. इसी दौरान दोषियों ने सुनसान जगह पर पूरे परिवार को हथियार के बल पर बंधक बना लिया और उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी. उसके बाद एक महिला और नाबालिग के साथ चार दोषियों ने बारी-बारी से गैंगरेप किया. एक महिला ने भागने का प्रयास किया, तो उसे गोली मार दी. उसके बाद दरिंदों ने घायल अवस्था में ही उसके साथ रेप किया. गोली से घायल रेप पीड़िता की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
घटना के बाद भागे हुए अपराधियों का पीड़िता के बयान के अनुसार स्केच बनाया गया था. जिसमें चार आरोपी अलीशेर, मो. अयूब, मो. जमाल और अनमोल यादव को गिरफ्तार किया गया था. इस घटना में पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई हुई. सजा सुनाए जाने के बाद पीड़ित परिवार ने संतोष जताया. फिलहाल सभी दोषियों को सजा सुनाने के बाद जेल भेज दिया गया है.
पीड़िता के वकील नीलम कुमारी ने बताया कि कोर्ट ने दोषियों के कृत्य और हैवानियत को ध्यान रखते हुए सजा सुनाई है. जज आलोक कौशिक ने पीड़िता के परिवार को मुआवजे के रूप में आठ लाख और दस लाख अलग से देने का आदेश दिया.
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