Buxar: बच्चों के आधार कार्ड नहीं रहने से आंकड़े अपलोड करने में परेशानी

Update: 2024-07-08 04:33 GMT

बक्सर: प्राइमरी स्कूलों से लेकर प्लस टू स्कूलों में नामांकित बच्चों के आंकड़ों की इंट्री ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर हो रही है. यह कार्य तेजी से हो रहा है. इसे निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाना था लेकिन इसमें आधार कार्ड नहीं होना अथवा त्रुटि पूर्ण होना आड़े आ रहा है.

इसके बिना इस पोर्टल पर इंट्री संभव नहीं है. यों अधिकांश आधार कार्ड त्रुटियों से भरे हैं. इस कारण भी इस पोर्टल पर इंट्री करने में कठिनाई होती है. विभागीय निर्देशानुसार इस कार्य की प्रमुखता देनी है. आधार कार्ड बनवाने से लेकर त्रुटियों का निराकरण करना आम लोगों के लिए टेढ़ी खीर है. प्रखंड के एपीएस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नावकोठी एवं सिया लषण उच्चतर माध्यमिक विद्यालय समसा में आधार कार्ड बनवाने से लेकर त्रुटियों के निराकरण का कार्य किया जा रहा है. यहां दर्जनों अभिभावकों की भीड़ लगती है किन्तु अधिकांश अभिभावक त्रुटियों के लिए बतायी जा रही जटिलताओं के कारण लौट रहे हैं. एक अभिभावक ने बताया कि उसकी बेटी का नाम और उम्र गलत लिखा गया है. सुधार के लिए जन्म प्रमाणपत्र की मांग की गयी. वह अभिभावक जब विभाग द्वारा हस्तलिखित जन्म प्रमाणपत्र लेकर गया तो कहा गया कि कंप्यूटराइज्ड जन्म प्रमाणपत्र लेकर आयें.

वह अभिभावक कभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नावकोठी तो कभी प्रखंड विकास अधिकारी के कार्यालय का चक्कर लगाकर थक गया है. ऐसी स्थिति में निर्धारित समयावधि में उस अभिभावक की बेटी का आंकड़ा ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर इंट्री कैसे हो पाएगा. यह एक बानगी है. इतना ही नहीं, इस तरह की त्रुटियों के निराकरण के लिए किसी बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र नहीं है. इसे बनवाने के लिए अनुमंडल कार्यालय से शपथ पत्र बनवाने की जरूरत होती है. ऐसी स्थिति में निर्धन, अशिक्षित और निसहाय अभिभावक अपने बच्चों के लिए कहां-कहां भटक सकते हैं. शत प्रतिशत प्रविष्टि का लक्ष्य तभी पूरा हो पाएगा जब त्रुटियों का निराकरण यथासंभव शीघ्र हो अथवा उसकी प्रक्रिया सुलभ और आसान हो. इधर, इस कार्य में तेजी लाने के लिए विभाग भी सचेष्ट है. बिहार शिक्षा परियोजना के राज्य निदेशक ने सभी जिलाधिकारी को इस आशय का पत्र देकर कहा है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में अध्ययन बच्चों का आंकड़ा ई शिक्षा कोष पोर्टल पर इंट्री किया जाना है. प्रखंड स्तर पर चयनित दो स्कूलों में आधार केन्द्र की स्थापना की गयी है. इन केन्द्रों पर बच्चों का आधार कार्ड बनाया जाना है. ज्ञातव्य है कि इसके लिए जन्म प्रमाणपत्र का होना अनिवार्य है.

जन्म प्रमाणपत्र बनाने की जटिलताओं के कारण अधिकतर बच्चों का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है जिस कारण बच्चों का आंकड़ा ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर इंट्री नहीं हो पा रहा है. राज्य निदेशक बी. कार्तिकेय धनजी ने जिलाधिकारी से कहा है कि अपने स्तर से जन्म प्रमाणपत्र बनाने वाले संबंधित अधिकारियों व कर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया जाए जिससे स्थानीय स्तर पर सभी बच्चों का आधार कार्ड सुगमतापूर्वक बनाया जा सके.

तथा ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर बच्चों का आंकड़ा शत प्रतिशत प्रविष्ट किया जा सके.

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