Buxar: संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने पीएचसी के मुख्य गेट पर दिया धरना

कर्मियों ने अपनी मांग पत्र की कॉपी पीएचसी प्रभारी डॉ. आरबी प्रसाद को सौंपा

Update: 2024-07-24 04:50 GMT

बक्सर: पीएचसी के मुख्य गेट पर संविदा स्वास्थ्यकर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरूआत की. प्रदर्शन में एनएचएम, एएनएम व सीएचओ संवर्ग के सभी कर्मी मौजूद रहे. कर्मियों ने अपनी मांग पत्र की कॉपी पीएचसी प्रभारी डॉ. आरबी प्रसाद को सौंपा. धरना पर बैठी कर्मियों का कहना था कि स्वास्थ्य कर्मियों का वेतन बढ़ा. लेकिन, हमलोगों का वेतन नहीं बढ़ाया गया. पांच सालों से काम कर रहे हैं, लेकिन आजतक कैडर नहीं बना है. वेतन और इंसेटिव ससमय भुगतान करने की मांग की. मुख्य गेट पर धरना-प्रदर्शन से पीएचसी में अफरातफरी मची रही.

संविदा कर्मियों का कहना था कि सरकार डिजिटल अटेंडेंस लागू कर रही है. लेकिन, उसके अनुसार वेतन देने की गारंटी दी जाए. हमलोग स्वास्थ्य सेंटरों पर 5 से 10 किलोमीटर दूर से आते हैं. सेंटरों पर पानी, शौचालय और बिजली की व्यवस्था भी नहीं रहती है. महिला स्वास्थ्य कर्मियों में असुरक्षा का भाव बना रहता है. मौके पर अर्चना कुमारी, गीता मिश्रा, श्याम राय, कुमारी सुनीता, कुमारी पुनीता, रागिनी कुमारी, मुन्नी कुमारी आदि थी.

प्रेमा कुमारी, मनीषा कुमारी, राजू कुमार, सुषमा कुमारी, रीचा कुमारी व आशा कुमारी थीं.

जिले के 18 डॉक्टरों के वेतन में कटौती करने का आदेश

डयूटी छोड़ अस्पताल से नदारद रहने वाले 18 डॉक्टरों के खिलाफ डीएम ने कड़े कदम उठाये है. सभी को चिन्हित करते हुए उनके वेतन में कटौती का निर्देश दिया है. इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. इस आश्य की जानकारी सिविल सर्जन सुरेश चंद्र सिन्हा ने दी. बता दें कि लगातार सदर व अनुमंडलीय अस्पताल से डॉक्टरों के गायब रहने, रोस्टर के अनुसार ड्यूटी नही करने की शिकायत प्राप्त हो रही थी. इस पर रोक लगाने के लिए डीएम ने लगातार वरीय पदाधिकारियों को निरीक्षण के लिए भेज रहे थे. रिपोर्ट प्राप्ति के बाद कार्रवाई करने के भी निर्देश दिया जा रहा था. बावजूद सिलसिला रूकने का नाम नहीं रहे था. सभी आदेश व निर्देश को दरकिनार कर दिया जा रहा था. अंत में डीएम ने खुद ही मोर्चा संभाला. सदर व अनुमंडल अस्पताल के बायोमैट्रिक हाजिरी की रिपोर्ट व रोस्टर की रिपोर्ट डीएम कार्यालय में मंगायी जाने लगी. डीएम प्रतिदिन इसकी खुद ही मॉनिटरिंग करने लगे.

विभागीय सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट का निरीक्षण करने के उपरांत डीएम ने बायोमैट्रिक रिपोर्ट के अनुसार लेट आने वाले, ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की है. जिस दिन डॉक्टर लेट आये है या समय से पहले ड्यूटी छोड़कर निकल गये है. उनका उस दिन का वेतन काट दिया गया है. लगातार स्वास्थ्य विभाग की अनियमितता पर डीएम रोक लगाने के लिए हर संभव प्रयास लगे है. ताकि आम जनता को बेहतर सुविधा मिल सके.

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