बक्सर: प्रदेश के गांवों के खेतों की मिट्टी की उपजाऊ क्षमता कितनी है. उसमें कौन-कौन से पोषक तत्व हैं. किसकी कमी है. किसकी अधिकता है. उस जमीन की खासियत क्या है. किस फसल के लिए उपयुक्त है. आने वाले समय में इन सबका ब्योरा प्रदेश के कृषि विभाग के अलावा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास उपलब्ध होगा. इसके बाद एक क्लिक पर पंचायत स्तर तक के खेतों के बारे में पूरी जानकारी केंद्र और राज्य के कृषि विभाग को मिल जाएगा.
यह पंचायत स्तर पर खेतों का स्वायल फर्टिलिटी मैप (मृदा की उर्वरता का नक्शा) की वजह से संभव हो सकेगा. प्रदेश के सभी जिलों की दो-दो पंचायतों के खेतों की मिट्टी संबंधित विभिन्न विवरण तैयार किया जा रहा है. जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला के सहायक निदेशक (रसायन) के द्वारा इसका ब्योरा तैयार किया जाने लगा है. इसी महीने इसे पूरा कर लिया जाएगा. केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. इसी क्रम में देश की पंचायत स्तर तक के खेतों की मिट्टी का पूरा ब्योरा इकट्ठा किया जा रहा है. आने वाले समय में इसका इस्तेमाल क्षेत्र विशेष की मिट्टी की खासियत के अनुसार योजनाओं को लागू करना है. इसी वजह से क्षेत्र विशेष की मिट्टी की गुणवत्ता और खासियत के संबंध में विवरण तैयार किया जा रहा है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से इस संबंध में प्रदेश के कृषि विभाग से पंचायत स्तर के गांवों के खेतों के संबंध में जानकारी मांगी गई है. ऐसे में प्रदेश के सभी जिलों में इस संबंध में विवरण तैयार किया जा रहा है. भागलपुर जिले में भी इसके लिए कवायद तेज है.
जिले की 238 पंचायतों के करीब 476 खेतों का विवरण तैयार किया जा रहा है. हरेक पंचायत में दो-दो खेतों की मिट्टी का विश्लेषण तैयार किया जा रहा है. इसमें मिट्टी के पोषक तत्वों के अलावा उस खेत का आक्षांश-देशांतर, खेत की मिट्टी की स्थिति आदि का विवरण तैयार किया जा रहा है. पूरा विवरण मिल जाने के बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर फीड कर लिया जाएगा. एक क्लिक पर देशभर के खेतों की मिट्टी के संबंध में जानकारी हासिल हो जाएगी. इससे जिले के किसानों के साथ ही विभाग को भी मिट्टी की क्षमता के अनुसार कृषि आधारित योजनाएं तय करने में सहूलियत होगी.