Buxar: जलदूत एप से जिले के सभी कुआं के जलस्तर की जांच

जलस्तर में सुधार के लिए सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहा है

Update: 2024-06-26 04:50 GMT

बक्सर: लगातार गिरते जलस्तर में सुधार के लिए सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में मनरेगा के माध्यम से जलदूत एप से जिले के सभी कुआं के जलस्तर की जांच करायी जा रही है. यह माप की जा रही है कि कुआं में कितने फीट पर पानी उपलब्ध है.

मनरेगा डीपीएम संदीप कुमार मौर्य ने बताया कि हर पंचायत में तैनात पंचायत रोजगार सेवक के माध्यम से इसकी पैमाइश करायी जा रही है. सरकार की ओर से एक एप दिया गया है. जिससे आसानी से कुआं के जल स्तर की माप हो रही है. यह दो स्तर पर होगा. एक मानसून के पहले किया जाएगा. दूसरा मानसून बाद होगा. इससे कुआं के वास्तविक जलस्तर की जानकारी प्राप्त हो जाएगी. बता दें कि पूर्व में पंचायती राज विभाग की ओर से जिले के सभी कुआं का जीर्णोंधार किया गया था. साथ ही वहां सोख्ता बनवाया गया था. ताकि उनकी स्थिति में सुधार हो सके.

ग्लोबल वार्मिंग के कारण घट रहा जलस्तर ग्लोबल वार्मिंग का असर अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है. लगातार तापमान में बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही जलस्तर घट रहा है. इस वर्ष भीषण गर्मी में कई इलाकों में जलस्तर की कमी के कारण चापाकल सूखने लगे है. लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं सरकार की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है कि जलस्तर में कमी नहीं आये. इसलिए सबसे पहले कुआं व तलाब को दुरूस्त किया जा रहा है. जानकारों का कहना है कि जहां पर कुआं में जलस्तर ठीक रहता है. वहां पानी की किल्लत सामने नहीं आती है. इस बात को ध्यान में रखकर जलदूर एप के माध्यम से जिले के सभी कुआं के जलस्तर की पैमाइश करायी जा रही है.

485 गांव के कुआं का हो चुका है माप मिली जानकारी के अनुसार जिले के 142 पंचायत में लगभग 12 गांव है. इसमें से 485 गांव के 941 कुआं की माप जलदूत एप के माध्यम से हो चुकी है. डीपीएम ने बताया कि सभी पीआरएस को इस कार्य के लिए लगाया गया है. उन्हें निर्देश दिया गया है कि यथाशीघ्र इस कार्य को पूरा कर दें. ताकि मानसून से पहले का आंकड़ा प्राप्त हो जाए. मानसून के बाद पुन जलदूत एप के माध्यम से इसकी जांच करायी जाएगी. मिली जानकारी के अनुसार राजपुर प्रखंड में इस कार्य में तेजी है. यहां सबसे अधिक 0 कुआं के जलस्तर की पैमाइश की जा चुकी है. दूसरे स्थान पर सदर प्रखंड है यहां 8 कुआं की पैमाइश करायी जा चुकी है. बड़ा प्रखंड़ होने के बावजूद नावानगर में इस कार्य में तेजी नहीं दिखाई दे रही है. यहां मात्र 65 कुआं की ही पैमाइश हो पायी है.

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