Buxar: बिहार देश भर में मरीजों का डिजिटल कार्ड बनाने में छठे स्थान पर
सरकारी अस्पतालों में आने वाले 14.60 लाख मरीजों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया गया
बक्सर: मरीजों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने में बिहार देश में छठे स्थान पर है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में इस वर्ष तक सरकारी अस्पतालों में आने वाले 14.60 लाख मरीजों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया गया. रिकॉर्ड तैयार करने में मुजफ्फरपुर राज्य में वें स्थान पर रहा.
मुजफ्फरपुर जिले में सदर अस्पताल पहले स्थान पर रहा. मरीजों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है. यूपी में इस अवधि में 99.20 लाख मरीजों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया गया. सरकारी अस्पतालों में ओपीडी काउंटर पर आने वाले मरीजों की बीमारियों का रिकॉर्ड स्कैन कर उसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पोर्टल पर शेयर करना है. इस तरह डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होने से मरीजों का पूरा ब्योरा एक क्लिक पर उपलब्ध होगा. इससे इलाज में सुविधा होगी.
रिकॉर्ड तैयार करने में पटना सूबे में अव्वल मरीजों डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने में पटना राज्य में पहले स्थान पर और शेखपुरा अंतिम पायदान पर है.
मुजफ्फरपुर जिले में कई पीएचसी में रिकॉर्ड तैयार करने का काम बेहद धीमा है. जिले में सदर अस्पताल तुलनात्मक रूप से भले ही आगे है, पर यहां भी सभी मरीजों का रिकॉर्ड पूरी तरह नहीं तैयार हो रहा है.
को सदर अस्पताल में 348 मरीजों का रिकॉर्ड तैयार किया गया जबकि उस दिन एक हजार से अधिक मरीज अस्पताल में इलाज कराने आए थे.
सूबे के मेडिकल कॉलेजों में उपलब्धि शून्य पोर्टल पर जारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार के किसी भी मेडिकल कॉलेज में मरीजों का रिकॉर्ड स्कैन कर शेयर नहीं किया जा रहा है. पोर्टल पर बिहार के मेडिकल कॉलेजों में डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने की उपलब्धि शून्य बताई गई है. इसके अलावा झारखंड में भी मेडिकल कॉलेज मरीजों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार नहीं कर रहे हैं.