देश का जवान सीमा पर तो दुश्मन से मुकाबला कर लेता है, लेकिन अपने ही देश के तंत्र से कैसे संघर्ष करना पड़ता है. इसका एक उदाहरण बेगूसराय में देखने को मिल रहा है. कैसे एक बीएसएफ का जवान इंसाफ की गुहार लगा रहा है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है. एक BSF जवान, जो इंसाफ के दिए दर-दर की ठोकर खा रहा है. अपनी पीड़ा को लेकर कभी किसी सरकारी अधिकारी के चक्कर लगा रहा है, तो कभी एसपी से न्याय की गुहार लगा रहा है. बावजूद इसके उसको इंसाफ नहीं मिल रहा है. हालांकि पूरे विवाद की जड़ एक जमीन है. एक तरफ बीएसएफ का जवान है, तो दूसरी तरफ उनका ही पड़ोसी है.
इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहा जवान
अभी आपने जवान का दर्द सुना है और उम्मीद है कि आपको ये दर्द महसूस भी हुआ होगा. वहीं, अनिल कुमार के पड़ोसी भी बीएसएफ जवान को सही बता रहे हैं. साथ ही न्याय की गुहार भी लगा रहे है. वहीं, दूसरे पक्ष का कहना है कि अनिल कुमार ने जानबूझकर ये ऐसे आरोप लगाए है. इसमें कोई भी सच्चाई नहीं है. एक तरफ जवान ने डीएम से न्याय की गुहार लगाई है. आरोपी प्रभंजन सिंह ने भी न्याय की गुहार लगाकर दोषी पर कार्रवाई की मांग की है.
जवान लगा रहा न्याय की गुहार
मामला जमीन से जुड़ा होने के कारण प्रशासन भी फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है. रिपोर्ट में बताया गया कि लगभग 4 कट्ठे जमीन का एक टुकड़ा डफरपुर में ही संचालित चिमनी के मालिक प्रभंजन सिंह ने जबरन कब्जा कर लिया गया है. उस पर मजदूरों के रहने के लिए मकान तक निर्माण कर दिया गया है. साथ ही साथ उनके खेतों की ओर आने वाले जल स्रोत को भी बाधित किया गया है. वहीं, बेगूसराय के डीएम रोशन कुशवाहा ने दोनों पक्षों को ध्यान से सुना है. साथ ही इंसाफ दिलाने की बात भी कह रहे हैं. हालांकि इस जमीन के विवाद में कौन सच्चा और गुनहगार साबित होगा, ये तो बाद का मसला है क्योंकि जमीन के विवाद देश के कैसे सुलझाए जाते हैं. ये सभी जानते हैं, लेकिन उससे पहले क्या प्रशासन एक जवान को वो भरोसा दे पाएगा. जिससे वो अपने आप को सुरक्षित महसूस करें.