भागलपुर न्यूज़: ठंड में बच्चे-बुजुर्गों की सांसें उखड़ रही हैं. उखड़ती सांसों के बीच उन्हें मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराना पड़ रहा है. यहां पर इन मरीजों की सांस पर भी आफत हो चली है. मरीजों की उखड़ती सांसों को लय देने के लिए जरूरी नेबुलाइजर मशीन की किल्लत के कारण मरीजों को दो से तीन घंटे की वेटिंग (इंतजार) करना पड़ रहा है.
इमरजेंसी में वयस्क मरीजों को नेबुलाइजर देने के लिए महज तीन ही मशीन उपलब्ध है. जबकि ठंड के दिनों में निमोनिया का शिकार होकर बड़ी संख्या में बुजुर्ग व अधेड़ आ रहे हैं. जिनके फेफड़े में संक्रमण होता है, उन्हें सांस लेने में दर्द होता है और वह हांफने लगता है. इसके अलावा जिन अस्थमा (दमा) के मरीजों को अटैक आता है, उन्हें भी तत्काल नेबुलाइज की जरूरत होती है. इमरजेंसी में रोजाना 15 से 20 मरीजों को एक से दो बार नेबुलाइज किया जा रहा है. मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजकमल चौधरी कहते हैं कि सांस लेने में दिक्कत होने पर फौरी तौर पर लंग्स टीबी, निमोनिया, अस्थमा के मरीजों को तत्काल नेबुलाइज की जरूरत होती है. अस्पताल अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास ने बताया किनेबुलाइजर मशीन की कमी की बात इमरजेंसी प्रबंधन एवं प्रशासन को बताना चाहिए था. जल्द ही नये और नेबुलाइजर मशीन की खरीद कराकर इमरजेंसी को उपलब्ध करा दिया जाएगा.
निस्फ अंबे निवासी 63 वर्षीय बुजुर्ग राम अवध को निमोनिया की शिकायत के साथ इमरजेंसी में भर्ती कराया गया. यहां पर उन्हें डॉक्टर ने तत्काल ही नेबुलाइज करने का निर्देश ड्यूटी पर तैनात नर्स को दी, लेकिन रामअवध को आधे घंटे बाद नेबुलाइजर मिल सका.