बिहार के सुल्तानगंज-अगुवानी निमार्णाधीन पुल के नदी में गिर जाने के बाद इस भीषण गर्मी के मौसम में बिहार की सियासत का तापमान भी गर्म है। भाजपा के इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग पर राजद के नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा कि मामले की जांच इंजीनियरिंग टीम और आईआईटी, रुड़की कर रही है। उन्होंने दो टूक कहा कि "सीबीआई वाले इंजीनियर तो हैं नहीं"।
पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए भाजपा द्वारा सीबीआई से जांच करने की मांग के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कौन क्या बोलता है उससे कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि जो पुल ध्वस्त हुआ है उसकी जांच हम लोग करवा रहे हैं। इसमें आईआईटी रुड़की ने पहले भी जांच रिपोर्ट दी थी। इस बार भी जांच के लिए उन्हें सौंपा गया है। इसमें इंजीनियर जांच करेंगे। सीबीआई वाले इंजीनियर तो नहीं हैं।
उप मुख्यमंत्री ने भरोसा देते हुए कहा कि दोषियों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि जब पिलर नंबर पांच गिरा था, तभी से इसपर सरकार की नजर है। उस वक्त के तत्कालीन मंत्री नितिन नवीन ने जांच का जिम्मा आईआईटी रुड़की को दिया था।
उन्होंने कहा कि उसकी रिपोर्ट के आधार पर उसके सारे सेगमेंट जो 50 के करीब थे सभी को ध्वस्त करा दिया गया था। आगे भी तोड़ने का निर्णय लिया गया था।
तेजस्वी ने आगे कहा कि नए सिरे से पुल का निर्माण कराया जाएगा। यह पुल सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। 2014 से काम हो रहा है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि हमलोगों की कोशिश होगी कि समय पर काम पूरा हो।
उन्होंने साफ लहजे में कहा कि जो राशि इस पुल में लगी है उसे संवेदक से वसूला जाएगा।