बिहार की पहली स्टोमा क्लीनिक आंत रोगियों के इलाज के लिए खुली

रोगियों के इलाज के लिए पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) के सामान्य सर्जरी विभाग में बिहार-झारखंड की पहली स्टोमा क्लीनिक की शुरुआत हुई

Update: 2024-05-15 09:37 GMT

पटना: जिनकी आंत खराब हो चुकी है और इसके कारण वह मल-मूत्र त्यागने में असमर्थ हैं, उन मरीजों के लिए थोड़ी राहत भरी खबर है. ऐसे रोगियों के इलाज के लिए पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) के सामान्य सर्जरी विभाग में बिहार-झारखंड की पहली स्टोमा क्लीनिक की शुरुआत हुई. क्लीनिक के उद्घाटन मौके पर स्टोमा मरीजों को होने वाली परेशानियों और उसके संभावित समाधान के बारे में चर्चा की गई.

आईजीआईएमएस के निदेशक डॉ. बिन्दे कुमार ने बताया कि यह बिहार व झारखंड में पहली स्टोमा क्लीनिक होगी. डीन अकादमिक डॉ.ओम कुमार ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए डॉ. पीके झा को बधाई दी. आईजीआईएमएस के उप निदेशक सह चिकित्सा अधीक्षक प्रो.डॉ.मनीष मंडल ने बताया कि यह स्टोमा क्लीनिक भविष्य में इस प्रदेश के मरीजों के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होगा. प्रो.डॉ.राजेश तिवारी ने बताया कि काफी दिनों से प्रदेश में जो कमी थी, उसको पूरा करने का सराहनीय कदम उठाया गया है. भविष्य में इसका लाभ सभी स्टोमा मरीजों को आसानी से मिल सके, यह भी सुनिश्चित किया गया है. इस क्लीनिक में स्टोमा के अलावा मरीज को मानसिक व सामाजिक परेशानियों को भी दूर करने का तरीका बताया जाएगा. यहां स्टोमा वाले मरीजों को पूरी देखभाल की जा सकेगी. इसके अलावा यहां जूनियर डॉक्टरों व नर्सिंग कर्मचारियों को स्टोमा केयर की बारीकियां सिखाई जाएंगी. समय-समय पर विभिन्न विभागों के नर्सिंग अफसरों को स्टोमा केयर विधि का प्रशिक्षण देकर मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जाएगा. यहां से तैयार ट्रेनर अन्य कर्मियों को आगे प्रशिक्षित करेंगे.

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