सुपौल शहर के एक निजी नर्सिंग होम में गर्भवती महिला की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने इस पर जमकर हंगामा किया. हालांकि मौके पर पहुंचे पुलिस के द्वारा मामले को शांत कर दिया गया. मृतक के परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. हालांकि इन आरोपों को डॉक्टर ने बेबुनियाद बताया है. मृतका के परिजनों ने सिविल सर्जन से लिखित शिकायत की है और जांच की मांग की है. मृतका की पहचान 28 वर्षीय मुन्नी देवी पति मनोज पासवान किशनपुर थाना अंतर्गत थरबिट्टा वार्ड नंबर 6 निवासी के रूप में हुई है.
गर्भवती महिला की मौत पर हंगामा
मृतका का पति जम्मू कश्मीर में रहकर मजदूरी का काम करता है. मृतका का मायके सहरसा जिले के बरुआरी पंचायत के मौकना गांव में है. मृतका की शादी वर्ष 2018 में हुई थी. मृतका को एक 4 साल की लड़की और ढाई साल का लड़का है. मृतका के देवर अजय कुमार ने बताया मेरे भैया मनोज पासवान जम्मू कश्मीर में मजदूरी करते हैं. बुधवार को जब मेरी गर्भवती भाभी मुन्नी देवी को प्रसव पीड़ा होने पर सुपौल सदर अस्पताल में जाया गया, तो सदर अस्पताल में तैनात चिकित्सक के द्वारा जांचों उपरांत देखा गया कि मेरी भाभी को खून की कमी थी.
जिस वजह से सदर अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दरभंगा बिहार : गर्भवती महिला की मौत पर हंगामा, पुलिस ने मामले को कराया शांतरेफर किया गया.
परिजनों ने किया जमकर हंगामा
परिजनों का आरोप है कि शहर के नारायणी नर्सिंग होम के कर्मियों ने उसे सदर अस्पताल से बहला फुसला कर अपने क्लिनिक ले आया और खून चढ़ाने के नाम पर ₹24000 फीस जमा करने के लिये कहा गया. उन्होंने ₹10000 रुपये भी क्लिनिक में कर दिया ताकि महिला को दूर ना ले जाना पड़े. मगर क्लिनिक के कर्मियों द्वारा यह कहा गया कि जब तक रुपए जमा नहीं की जाएगी, तब तक इलाज नहीं किया जाएगा.
पुलिस ने मामले को कराया शांत
इसी दौरान गर्भवती महिला की मौत हो गई. मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया. साथ ही अस्पताल परिसर में ही हंगामा शुरू कर दिया. परिजनों ने सुपौल सिविल सर्जन से लिखित शिकायत कर जांच कर कार्रवाई की मांग की है. वहीं, मौके पर पहुंची सुपौल सदर थाने की पुलिस ने मामले को शांत करवाया. इधर नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर आलोक कुमार ने तमाम लगाए आरोप को बेबुनियाद करार देते हुए बताया कि उन्होंने उसे बचाने की काफी कोशिश की. मगर इलाज के दौरान मौत हो गयी.