Bihar: शिक्षक बीस पंचायतों में मध्याहन भोजन कार्य से मुक्त होंगे

इनकी जगह पंचायतों में चयनित व्यवस्थापक यह कार्य करेंगे

Update: 2024-11-14 07:30 GMT

पटना: राज्य के 10 जिलों की कुल 20 पंचायतों के सभी प्रारंभिक स्कूलों में मध्याहन भोजन बनाने और बच्चों को खिलाने के कार्य से शिक्षक-प्रधान शिक्षक मुक्त होंगे. इनकी जगह पंचायतों में चयनित व्यवस्थापक यह कार्य करेंगे.

इसके लिए दो जिलों की दो-दो पंचायतों का चयन वहां के डीएम करेंगे. इसको लेकर शिक्षा विभाग ने 10 जिलों के जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया है. इन जिलों में मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, भागलपुर, लखीसराय, गया और औरंगाबाद शामिल हैं. विभाग ने आदेश में कहा है कि स्कूलों के निरीक्षण में यह पाया गया है कि शिक्षकों-प्रधानाध्यापकों का काफी समय मध्याह्न भोजन पकवाने और बच्चों को खिलाने में व्यर्थ जाता है. इससे स्कूलों का पठन-पाठन प्रभावित होता है.

डीएम अपने जिले की दो ऐसी पंचायतों का चयन करेंगे, जहां स्कूल में मध्याह्न भोजन बनता है. पंचायत में एक व्यवस्थापक और एक सहायक व्यवस्थापक चिह्नित किये जाएंगे, जिनकी संपूर्ण जिम्मेदारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनवाना और बच्चों को खिलवाना होगी. व्यवस्थापक की शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम स्नातक तथा सहायक की मैट्रिक होगी. स्कूलों में अनाज भंडारण से लेकर अन्य खाद्य सामग्री की आपूर्ति की भी पूरी जिम्मेदारी व्यवस्थापक की होगी. स्कूलों में विशेष खाता भी खोल जाएगा, जिसका संचालन भी व्यवस्थापक करेंगे. स्कूल के प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी होगी कि वह ई-शिक्षा कोष पर मध्याह्न भोजन खाने वाले बच्चों की संख्या की जानकारी प्रतिदिन देंगे.

जहरीली शराब के कारणों और इथेनॉल पर होगा शोध: राज्य में जहरीली शराब के कारणों और इथेनॉल समेत ताड़ी, स्पिरिट, देसी शराब, छोआ समेत अन्य को लेकर उच्च स्तर का शोध होगा. इसकी रोकथाम के लिए ठोस उपाय करने को लेकर विशेष रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी. इस तरह के शोध कार्य को कानपुर स्थित राष्ट्रीय शर्करा शोध संस्थान के अनुभवी शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों के साथ मिलकर किया जाएगा.

इसके लिए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के साथ इस संस्थान का एक विशेष समझौता इसी माह होने की संभावना है. इथेनॉल में मिलाई जाती है दो खास रसायन राज्य में19 इथेनॉल प्लांट से करीब 2 हजार 300 किलो लीटर प्रतिदिन का उत्पादन होता है. इसे दुरुपयोग से बचाने के लिए कंपनी में तैयार होने के तुरंत बाद ही इसमें दो रसायन मिला दिया जाता हैं. विभाग के रसायन परीक्षक राज पांडेय के अनुसार, रसायन बेनाटोनियम बेनजोएट से इथेनॉल का स्वाद अत्याधिक कड़वा हो जाता है. इसे मिला देने के बाद कोई भी व्यक्ति इसका उपभोग नहीं कर सकता है. दूसरे रसायन क्रोटोनल एलडिहाइड, जो बेहद तीव्र और खराब दुर्गंध के लिए जाना जाता है.

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