बिहार: कलियुग में बिहार का बेटा बना श्रवण कुमार, मां-बाप को बहंगी में बिठाकर निकला बाबाधाम की यात्रा पर
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सावन की शुरुआत होते ही भोलेनाथ के भक्त कावंड़ लेकर उनके दर्शनों के लिए निकल पड़े हैं। बिहार से भी भक्त बाबा के दर्शनों के लिए देवघर की ओर निकले कांवरियों का जत्थे बोल-बम के जयकारे के साथ अपनी ही मस्ती में जाते दिख रहे हैं। इन कावंडियों में बिहार के जहानाबाद के रहने वाला एक युवक भी है, जो कलयुग में श्रवण कुमार की तरह अपने माता-पिता को बाबा के धाम ले जा रहा है। इतना ही नहीं इस काम में उसकी पत्नी भी उसका पूरा सहयोग कर रही हैं।
105 किमी लंबी यात्रा पर निकले
जानकारी के मुताबिक, बिहार के जहानाबाद के रहने वाले चंदन कुमार और उनकी पत्नी रानी देवी माता-पिता को देवघर ले जाने के लिए सुल्तानगंज गंगा घाट से जल लेकर निकले हैं। उनके दो बच्चे भी 105 किलोमीटर की इस यात्रा में उनके साथ हैं। माता-पिता को देवघर लेकर जाने के लिए चंदन ने बहंगी तैयार की। इसके बाद श्रवण कुमार की तरह उसमें माता -पिता को बिठाकर जलाभिषेक के लिए निकल पड़े। इस बहंगी को आगे से बेटा तो पीछे से बहू उठाकर चल रही हैं। रास्ते में इन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ भी लग जा रही है।
चंदन कुमार ने बताया कि वे हर महीने सत्यनारायण व्रत का पूजन करते हैं। पूजा के दौरान ही माता और पिता को बाबाधाम की पैदल तीर्थ कराने की इच्छा मन में जागी। ऐसे में अपनी पत्नी से इसके बारे में बात की तो उसने भी हिम्मत दिखाते हुए हामी भरी। चंदन ने बताया कि उसके माता और पिता वृद्ध हैं तो ऐसे में 105 किलोमीटर की लंबी यात्रा पैदल तय करना संभव नहीं था। जिसको देखते हुए उसने एक बहंगी तैयार करवाई और उसमें माता-पिता को बिठाकर बाबा के दर्शनों के लिए चल दिए।
यात्रा लंबी, लेकिन जरूर करेंगे पूरी
इस बहंगी के आगे हिस्से को चंदन ने अपने कंधे पर लिया है जबकि उनकी पत्नी रानी देवी पीछे से उनकी ताकत बन रही हैं। दोनों दंपति ने बताया कि यात्रा लंबी जरूर है और इसमें समय लगेगा, लेकिन हम इस यात्रा को जरूर सफल करेंगे।
वर्तमान समय में लोग अपने बड़े-बुजुर्गों की सेवा नहीं कर रहे हैं, बेटे-बहुओं द्वारा सास-ससुर को घरों से निकालने की बातें सामने आती हैं ऐसे में ये बेटे और बहू लोगों को सीख दे रहे हैं। और लोग भी उनकी निष्ठा को देखकर चकित हैं।