कहीं अपराधियों का तांडव, कहीं पड़ोसियों की दबंगई, तो कहीं पुलिसिया सिस्टम पर सवाल. सबसे पहले बात अपराधियों के बुलंद हौसले की, जहां एक कारोबारी को बदमाशों ने गोलियों से भून दिया. अहियापुर में बाइक सवार अपराधियों ने गल्ला व्यवसायी की जान ले ली. वारदात को अंजाम देने के बाद सभी अपराधि फरार हो गए. जानकारी के मुताबिक राहुल पंचायत भवन के पास किराना दुकान चलाता था. गुरुवार की रात वो अपने दुकान के बाहर खड़ा था. इसी बीच बाइक सवार दो अपराधी आए और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान 3 गोली राहुल के पेट में लगी और दो कंधे में, जिसके बाद परिजन उसे लेकर अस्पताल गए. वहीं, इलाज के दौरान राहुल की मौत हो गई.
तीन जगह और तीन मौत
वारदात के बाद पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है, लेकिन 22 जुलाई को ही शहर के बड़े प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही समेत तीन लोगों की हत्या भी गोली मारकर कर दी गई थी. अभी तक इन मामलों में पुलिस के हाथ थाली हैं. ऐसे में एक और वारदात ने पुलिस प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. मुजफ्फरपुर में आम लोग ही नहीं बल्कि खुद रक्षक भी सुरक्षित नहीं है. जहां जिले में एक पुलिस जवान की हत्या कर दी गई.
मौत से दहला मुजफ्फरपुर
यह मामला जिले के कांटी थाना क्षेत्र के जद्दोजहद छपरा का है. जहां पुलिस जवान दीपेन्द्र कुमार सिंह की जमीनी विवाद में हत्या कर दी गई. पुलिस जवान छुट्टी लेकर अपने घर आए थे. जमीनी विवाद को लेकर पड़ोसी से पुलिस जवान की लड़ाई हो गई और अगली ही सुबह पड़ोसियों ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी. इस वारदात के बाद से लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है. जहां लोगों ने आगजनी कर मोतिहारी मुजफ्फरपुर सड़क मार्ग को जाम कर दिया. घटना की सूचना पर दल बल के साथ पुलिस पहुंची और आक्रोशित लोगों को समझाइश दी गई.
कस्टडी में एक आरोपी की मौत
एक तरफ पुलिस जवान की मौत हुई, तो वहीं दूसरी ओर पुलिस की कस्टडी में एक आरोपी की मौत हो गई. जिससे हड़कंप मच गया. मामला देवरिया थाना क्षेत्र का है. जहां गुरुवार को सीएसपी संचालक से लूट हुई थी. इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन आरोप है कि तीन में एक आरोपी की पुलिस की पिटाई में मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि लूटकांड में तीनों नामजद आरोपी बनाए गए थे. परिजनों का आरोप लगाया कि पुलिस हिरासत में तीनों को जमकर पिटा गया. पिटाई के बाद एक आरोपी शराफत अली गंभीर रूप से घायल हो गया, उसे श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. जहां उसकी मौत हो गई. मौत की खबर मिलते ही ग्रामीण उग्र हो गए और लोगों ने देवरिया थाने का घेराव कर दिया. जिसके बाद पुलिस अधिकारी भी थाना का गेट बंद कर फरार हो गए. इस दौरान परिजन आरोप लगाते रहे कि साजिश के तहत आरोपियो की पिटाई की गई.
वहीं, घटना की सूचना पर सिटी एसपी अरविंद प्रताप सिंह और कई थाना की पुलिस मौके पर पहुंची. हालात को काबू करने के लिए पुलिस लाठी चार्ज भी किया. इस मामले में लापरवाही पाते हुए देवरिया थाना अध्यक्ष उदय कुमार को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन जिले में एक के बाद एक इन तीन मौतों ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. वारदातों से ऐसा लगता है मानों अपराधियों के मन में पुलिस का कोई खौफ नहीं है.