बिहार: नीतीश के करीबी का आरसीपी सिंह पर वार, कहा- अब साबित हो गया कि उन्होंने पार्टी की मर्जी के बिना लिया था मंत्रिपद
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक करीबी ने शुक्रवार को कहा कि आरसीपी सिंह का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनके कार्यकाल के लिए धन्यवाद देने का बयान इस बात का सबूत है कि तत्कालीन जद (यू) अध्यक्ष ने पार्टी की सहमति के बिना मंत्री पद लिया था। राज्य में एक प्रभावशाली मंत्री अशोक चौधरी व पूर्व में जद (यू) की राज्य इकाई का नेतृत्व करने वाले चौधरी ने आरसीपी सिंह की इस बात के लिए फटकार लगाई कि उन्होंने राजनीति में तरक्की अपनी क्षमताओं के कारण की थी, जो नीतीश कुमार के संरक्षण को नजरअंदाज करने जैसा है।
चौधरी ने कहा, मैंने कल यहां आरसीपी सिंह का बयान सुना। प्रधानमंत्री के प्रति उनका आभार, जिसमें नीतीश कुमार का उल्लेख नहीं है, इस बात का सबूत है कि उन्होंने पार्टी की सहमति के बिना मंत्री पद स्वीकार कर लिया था। यही वजह है कि उनका पतन हुआ है। आरसीपी ने अपने राज्यसभा कार्यकाल की समाप्ति से एक दिन पहले बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने गृह राज्य लौटने पर पत्रकारों से बात करते हुए बयान दिया था। चौधरी ने सिंह के अहंकारी दावे पर भी आपत्ति जताई कि वह राजनीति में अपने दम पर आगे बढ़े हैं।
चौधरी ने कहा, उनका योगदान क्या रहा है? उन्होंने 2010 में आईएएस से इस्तीफा दे दिया और फिर पार्टी में शामिल हो गए। वह पार्टी में शीर्ष पद तक पहुंचे, बिना किसी कठिनाई और राजनीतिक उथल-पुथल के। वह नीतीश कुमार के संरक्षण के ऋणी हैं। उन्होंने सिंह के इस दावे का भी मजाक उड़ाया कि वह एक संगठन निर्माता थे जिन्होंने पार्टी के ढांचे को मजबूत करने में मदद की थी और पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि अगर वह एक जनसभा को संबोधित करें तो कुछ सौ लोग भी इकट्ठा होंगे? जद (यू) में सिवाय हमारे निर्विवाद नेता नीतीश कुमार के इस प्रकार की क्षमता किसी के पास नहीं है।