बिहार : मेयर ने प्रकाश व्यवस्था बहाल करने के लिए सीएम को लिखा पत्र

राहगीर अंधेरे में चलने पर मजबूर

Update: 2022-07-14 12:11 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : छपरा। ईइएसएल कंपनी ने नगर निगम को गुमराह कर 44 लाख रुपए का भुगतान लाइट लगाने के नाम पर करा लिया है। यह मामला तब सामने आया जब निगम की ओर से कई बार पत्राचार किया गया व कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय ने पत्राचार का कोई जवाब नहीं दिया। नौ माह पूर्व दीपावली व छठ पूजा से पहले शहर के सभी वार्डों में लाइट लगाने की कंपनी के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया था लेकिन छठ व दीपावली में भी लाइट नहीं लगायी गयी। सिर्फ रावल टोला घाट से नीचे नदी वाले घाटों के किनारे खराब लाइट को मरम्मत कर खानापूर्ति कर दी गयी। वहीं पांच रिहायी वार्डों में तो एक भी लाइट नहीं लगाया गया। इस वजह से वार्डो में अंधेरा छाया हुआ है। जबकि अन्य जगहों पर लगाये गये अधिकांश लाइट खराब पड़े हैं। शहर के मुख्य सड़क पर भी अंधेरा छाया है। वैसे छपरा नगर निगम क्षेत्र में कुल 45 वार्ड है। इनमें 40 वार्डों में 2019 में ही एलईडी लाइट ईइएसएल कंपनी के द्वारा सर्वे के बाद लगाया गया था। लेकिन पांच वार्डों में एक भी लाइट नहीं लगा।

वार्ड आज भी अंधेरे में डूबे हैं। इधर मेयर सुनीता देवी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पहल करने का आग्रह किया है। पत्र में बताया गया है कि ईइएसएल कंपनी ने एग्रीमेंट के अनुसार कार्य को पूरा नहीं किया है। सबसे ताज्जुब कि बात तो यह है कि एग्रीमेंट के अनुसार खराब लाइट को 72 घंटे में रिपेयर करना था। अगर ऐसा न करने पर एकरारनामा में फाइन करने का प्रावधान था। लेकिन ऐसा निगम की ओर से नहीं किया जा रहा है। ईइएसएल कंपनी के प्रतिनिधियों द्वारा इन पांच वार्डों को सर्वे नहीं किया गया है। इस कारण इन वार्डों में एलईडी लाइट नहीं लग पाया। मालूम हो कि छपरा नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 23, 24, 25, 26, 27 रिहायशी इलाका व इलेक्ट्रॉनिक ,खाद्यान्न समेत अन्य वस्तुओं की सबसे बड़ी मंडी है। इ

source-hindustan


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