बिहार : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत 15 जुलाई से लेकर 30 जुलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन
जनता से रिश्ता : शिशु एवं बाल मृत्यू दर में कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत 15 जुलाई से लेकर 30 जुलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा की सफलता के लिए जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में शनिवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रखंड सामुदायिक उत्पे्ररक, प्रखंड अनुश्रवण मूल्यांकन सहायक एवं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधकों ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को बताया गया है कि बच्चों में दस्त के कारण ही मृत्यु दर में वृद्धि होती है। दस्त रोग से मृत्यु का उपचार ओआरएस एवं जिंक की गोली ही एक मात्र उपाय है। वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का उद्देश्य जिले में दस्त के कारण होने वाले शिशु मृत्यु का शून्य स्तर प्राप्त करना है।
यह जानकारी जिला सामुदायिक उत्प्रेरक निभा रानी सिन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे को लाभान्वित किया जाएगा। पांच वर्ष की उम्र तक के समस्त बच्चों जो पखवाड़े के दौरान दस्तरोग से ग्रसित होंगे उनको ओआरएस एवं जिंक की गोली 14 दिनों तक सेवन करने के लिए दिया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत पांच वर्ष तक के 05 लाख 73 हजार बच्चों को ओआरएस का पैकेट एवं जिंक की गोली 02 लाख 69 हजार 829 बच्चों को दस्त होने पर ओआरएस एवं जिंक का प्रयोग दस्त के दौरान उचित पोषण तथा समुचित इलाज के पहुलुओं कर क्रियान्वयन की जानकारी प्रशिक्षण के दौरान दिया गया। डीसीएम निभा रानी ने बताया कि सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े के दौरान प्राथमिकता वाले क्षेत्र में स्वास्थ्य उपकेन्द्र जहां पर एएनएम न हो अथवा अवकाश पर हो, अति संवेदनशील क्षेत्र शहरी झुग्गी-झोपड़ी, कठिन पहुंच वाले क्षेत्र, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, नोमैडिक, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईट भट्ठे, अनाथालय तथा ऐसा चिह्नित क्षेत्र जहां दो-तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाए गए हो वैसे टोले-मोहल्ले में विशेष प्राथमिकता देकर कार्य किया जाएगा। जिंक का प्रयोग करने से दस्त की तीव्रता में कमी आ जाती है एवं अगले 02 से 03 महीने तक दस्त एवं निमोनिया होने की संभावना कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि जिंक व ओआरएस के उपयोग के उपरांत दस्त ठीक न होने पर बच्चे को नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाकर उपचार किया जाएगा। दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, ऊपरी आहार तथा भोजन जारी रखा जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर भ्रमण के क्रम में उम्र के अनुसार शिशु पोषण संबंधी परामर्श, पीने के लिए साफ एवं सुरक्षित पेयजल का उपयोग संबंधित परामर्श, खाना बनाने, खाना खाने से पूर्व और बच्चे का मल साफ करने के उपरांत साबुन से हाथ धोने के लिए जागरूक किया जाएगा।
सोर्स-HINDUSTAN