जनता से रिश्ता वेबडेस्क : बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई का झटका लग सकता है। बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रसत्वा पर 5 अगस्त को सुनवाई की जाएगी। बिहार विद्युत विनियामाक आयोग ने मार्च 2022 में बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं की थी। आयोग के इस फैसले के खिलाफ राज्य की बिजली कंपनियों ने रिव्यू पिटीशन दायर किया, जिसे आयोग ने मंजूर कर लिया। अब आयोग बिजली कंपनी और ग्राहकों का पक्ष सुनकर इस प्रस्ताव पर सुनवाई करेगा। सुनवाई की तारीख 5 अगस्त तय की गई है।
बताया जा रहा है कि कोरोना काल में बिजली बिल वसूली में कमी आने से कंपनियों को खासा नुकसान उठाना पड़ा। नवंबर 2021 में बिजली कंपनियों ने विनियामक आयोग को बिजली दरों में 9.90 फीसदी की बढ़ोतरी की मांग की थी। हालांकि, आयोग ने आम जनता के हित में फैसला लेते हुए मार्च 2022 में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। राज्य में मौजूदा साल में बिजली के दाम में बढ़ोतरी नहीं हुई। इस प्रस्ताव की दरें 31 मार्च 2023 तक लागू है।अब साउथ बिहार, नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन और बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने रिव्यू पिटीशन दायर किया है। इसमें कंपनियों ने मांग की है कि उन्हें 15 फीसदी की जगह 19.50 फीसदी लॉस की मंजूरी दी जाए। आयोग ने अपने फैसले में वित्त वर्ष 2022-23 में 15 फीसदी लॉस की मंजूरी दी थी। इससे ज्यादा का नुकसान कंपनी को खुद ही उठाना पड़ेगा। अब बिजली कंपनियों ने इसकी सीमा 15 से बढ़ाकर 19.50 फीसदी करने की मांग की है।
अगर ये प्रस्ताव मंजूर होता है, तो इसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा। बिजली के दाम में करीब 10 फीसदी तक बढ़ोतरी होने की आशंका है।
source-hindustan