केंद्र सरकार से सियासी जंग लड़ रही बिहार की नीतीश सरकार अब राजभवन से आर पार की लड़ाई करने के मूड़ में हैं. दरअसल, बिहार के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि बिहार सरकार ने विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए खुद ही आवेदन मांगा है. बता दें कि इससे पहले राजभवन के द्वारा कुलपतियों की नियुक्ति से जुड़ा विज्ञापन निकाला जा चुका है. अब बिहार सरकार ने भी विज्ञापन निकाल दिया है. बताते चलें कि राज्यपाल ही बिहार के विश्वविद्यालयों के चांसलर यानि कुलाधिपति होते हैं और वो ही कुलपतियों की नियुक्ति करते हैं लेकिन अब बिहार सरकार खुद कुलपतियों की नियुक्ति करेगी. इस फैसले से बिहार सरकार और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के 7 विश्वविद्यालयों जिनमें पटना यूनिवर्सिटी, जयप्रकाश यूनिवर्सिटी छपरा, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, बीएनमंडल यूनिवर्सिटी, मधेपुरा एलएन मिथिला यूनिवर्सिटी, दरभंगा, संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा, और आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी पटना के कुलपति पद के लिए आवेदन मांगे गए हैं. आवेदन की अंतिम तिथि 13 सितंबर 2023 तय की गई है. आवेदन दोनों मोड यानि ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से स्वीकार किए जाएंगे.
पहली बार हो रहा है बिहार में ऐसा
बता दें कि बिहार में ये पहली बार हो रहा है जब सरकार द्वारा राजभवन को अनदेखा करते हुए खुद ही कुलपतियों की नियुक्ति के लिए आवेदन की मांग की गई हो. आवेदकों के लिए जरूरी अहर्ता भी तय की गयी है. शिक्षा विभाग के द्वारा जारी नोटीफिकेशन में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति 3 साल के लिए की जायेगी. आवेदक की उम्र 67 साल से अधिक नहीं होगी और उनके पास 10 साल प्रोफेसर पद पर अध्यापन का अनुभव भी होना चाहिए.