बिहार : 25 साल पूर्व पिता हो गए थे लापता, अब जाकर बेटे ने किया श्राद्ध कर्म
जहानाबाद में बीते 25 साल पूर्व शहर के ऊंटा मदारपुर इलाके के रहने वाले व्यक्ति महेंद्र यादव गंगा स्नान करने के लिए अपने घर से निकाले थे. जिसके बाद वह कभी घर लौटकर वापस नहीं आए. महेंद्र यादव के परिजनों ने उनकी खोजबीन भी की. इतना ही नहीं जब थक हारकर उनका कुछ पता नहीं चला तो पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला. परिवार के सदस्यों ने सालों तक उनके लौटने का इंतजार भी किया, लेकिन धीरे-धीरे सभी ने उनके लौटने की उम्मीद छोड़ दी. जब कहीं से कुछ भी पता नहीं चला तो परिजनों के द्वारा उनकी मौत की आशंका जताई गई. साथ ही उनके आत्मा की शांति के लिए पुतला बनाकर फतुआ घाट पर दाह संस्कार किया.
25 साल पूर्व पिता हो गए थे लापता
सारे नियमों के अनुसार इनका श्राद्धकर्म कर रहे हैं, जिस समय महेंद्र यादव घर से निकले थे. उनका बेटा उस समय 2 साल का था. आज इनका बेटा जवान हो चुका है और और अपने पिता का पुतला बनाकर मुख्य अग्नि देकर श्राद्ध कर कर रहा है. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने 25 वर्षों तक उनके आने का इंतजार किया, लेकिन जब घर नहीं लौटे तो हम लोगों ने सोचा कि पिताजी की मृत्यु हो चुकी है. इसलिए उनका पुतला बनाकर दाह संस्कार किया और श्राद्ध कर्म कर रहे हैं.
बेटे ने किया श्राद्ध कर्म
उनके परिवार का कहना है कि हिंदू धर्म मानता है कि जिस व्यक्ति का श्राद्धा कर्म नहीं होता है, उस व्यक्ति की आत्मा भटकता रहता है. उसकी आत्मा की शांति नहीं होती है. इसीलिए महेंद्र प्रसाद की आत्मा की शांति के लिए हम लोगों ने श्राद्ध कार्य किया है. इस श्राद्धकर्म में इनके परिवारजन और उनके मित्र भी पहुंचे हुए थे. बड़ी संख्या में उनके दरवाजे पर लोग उपस्थित थे. उनके परिवार वालों ने बताया कि इस कार्यक्रम में ब्राह्मण सहित और रिश्तेदारों को भोजन कराया जाएगा. जैसे ही लोगों को यह जानकारी मिली थी 25 साल पहले गुम हुए व्यक्ति का श्राद्ध कार्य किया जा रहा है. आसपास के इलाके में चर्चा होने लगी.