बिहार: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जातीय जनगणना मामला, PM मोदी ने उठाया सवाल

मामला, PM मोदी ने उठाया सवाल

Update: 2023-10-03 08:29 GMT
बिहार में जातीय जनगणना का डाटा रिलीज होने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा फिलहाल हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते हैं। 6 अक्टूबर को मामला सुनवाई के लिए लगा हुआ है। उसी दिन मामला सुना जाएगा। बता दें कि सोमवार को ही बिहार सरकार ने जातीय जनगणना का डाटा रिलीज किया है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस पर सवाल उठाया है। जनगणना के मुताबिक बिहार में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) की कुल आबादी करीब 63 फीसदी है।
क्या है बिहार के जातिगत जनगणना के आंकड़े?
बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक राज्य की कुल 13 करोड़ की आबादी में पिछड़े वर्ग की संख्या 27.13 फीसदी है। इसी तरह अत्यंत पिछड़े वर्ग की कुल आबादी 36.01 फीसदी है। यानी पिछड़ा वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग की संयुक्त आबादी 63.14 फीसदी है। केवल 15.52 फीसदी लोग सामान्य वर्ग के हैं। अनुसूचित जाति के लोग 19.65 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की कुल आबादी 1.68 फीसदी है। राज्य में 3.6 फीसदी ब्राह्मण, 3.45 फीसदी राजपूत, 2.89 फीसदी भूमिहार, 0.60 फीसदी कायस्थ, 14.26 फीसदी यादव, 2.87 फीसदी कुर्मी, 2.81 फीसदी तेली, 3.08 फीसदी मुसहर, 0.68 फीसदी सोनार हैं। बिहार की कुल आबादी में 81.99 फीसदी हिंदू हैं। केवल 17.7 फीसदी लोग मुसलमान हैं। बाकी ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन तथा अन्य धर्म को मानने वालों की संख्या केवल 1 फीसदी से भी कम है।
पीएम मोदी ने उठाए सवाल
सोमवार को ग्वालियर में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जाति के आधार पर देश को बांटने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने विपक्ष पर हमलावर होते हुए कहा कि पहले भी ये लोग गरीबों की भावनाओं से खेल करते रहे हैं। अब फिर वैसा ही हो रहा है। उनका ये बयान सर्वे रिपोर्ट रिलीज होने के बाद आया। दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन इंडिया के कई प्रमुख घटक दलों ने आंकड़े जारी होने के बाद कहा कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित जनगणना करानी चाहिए।
राहुल गांधी ने बताया उचित कदम
बिहार सरकार के इस कदम को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उचित कदम बताया है। उन्होंने कहा कि देश के जातिगत आंकड़े जानना जरूरी है। जिनकी जितनी आबादी है, उन्हें उनका उतना हक मिलना चाहिए। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया- बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां ओबीसी, एससी और एसटी 84 प्रतिशत हैं। केंद्र सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ 3 ओबीसी हैं। ये भारत का मात्र 5 प्रतिशत बजट संभालते हैं!
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