बिहार : लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 2 व्यक्ति गिरफ्तार

Update: 2023-07-28 14:12 GMT
नवादा जिले की पुलिस द्वारा जमीन के सैकड़ों कागजात के साथ फर्जी फिंगरप्रिंट बना अवैध रूप से ठगी करने वाले 2 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, नारदीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत 2 साइबर अपराधी जमीन के सैकड़ों कागज़ात एवं लोन देने के बहाने लोगों का फर्जी तरीके से फिंगरप्रिंट एवं आधार कार्ड लेकर पैसा ठगी किया करते थे. ठगी के पैसे से इनके द्वारा नारदीगंज स्थित एक नर्सिंग होम और एक NGO चलाया जा रहा था. पुलिस उपाधीक्षक साइबर के नेतृत्व में एक टीम गठित कर इस मामले का खुलासा किया गया. इस कांड में प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न सामग्रियों के साथ 2 अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, गठित SIT टीम द्वारा कांड साईबर थाना कांड संख्या - 29 / 23 दिनांक- 05.07.23, धारा 379 / 420 भा0द0वि0 एवं 66/66 / (बी0) / 66 (सी0) / 66 (डी०) आई0टी0 एक्ट के वैज्ञानिक अनुसंधान के क्रम में साक्ष्य के अनुसार छापामारी की गई जिसमें संलिप्त रामप्रवेश एवं अजय कुमार को गिरफ्तार किया गया. अंगूठे का निशान का इस्तेमाल करते हुए अवैद्य निकासी की जाती थी. इनके द्वारा दो कंपनी से लोन दिलाने के नाम पर अंगूठे का निशान, आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि ली जाती है. इसका उपयोग करके पैसे की निकासी जा रही थी. कंपनी का नाम है:-1. Chaitanyalndia Fin Credit Pvt. Ltd और 2. Spandana Sphoorty Financial Limited इनके द्वारा Land Receipt, Mutation तथा Pan Card बनाने के नाम पर अंगूठे का निशान, आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि ली जाती है. इसका उपयोग करके पैसे की निकासी की जा रही थी.
पुलिस ने आगे जानकारी दी कि ठगों द्वारा ठगी के पैसे से इनके द्वारा Diksha Children Foundation नामक NGO चलाया जा रहा था जिसका चेयरमैन अजय कुमार है. इसके द्वारा विभिन्न Universities (SUBHARTI, VINAYAKA MISSION, KALINGA etc) में Addmision के नाम पर ठगी की जा रही थी. इनके द्वारा अवैध Diksha Nursing Home & Paramedical Institute नारदीगंज नवादा में चलाया जा रहा है. इसमें एक ऑपरेशन थियेटर भी है.
 पुलिस के मुताबिक, रजिस्ट्री ऑफिस/ब्लॉक में मुंशी द्वारा इनको जमीन के कागजात दिए जाते हैं. जिस पर अंगूठा का निशान, आधार इत्यादि रहता है. अंगूठा के निशान को Scan करके Photoshop में उसको सही से बनाता है. फिर प्लास्टिक पेपर पर उसको प्रिंट करता है. फिंगर प्रिंट के चारों ओर एक टेप चिपकाकर बीच में Fevicol डालकर बल्ब की रोशनी में 10-12 घंटे के लिए रखता है. उस Fingerprint को अंगूठे की तरह इस्तेमाल करके AEPS के द्वारा विभिन्न बैंक App से अवैध रूप से पैसे का निकासी करता है.
 गिरफ्त में आए ठगों के पास से लैपटॉप, मोबाईल फोन, प्रिंटर, Fingerprint scanner, ATM कार्ड, पासबुक, चेक बुक, ए0टी0एम0 कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड एवं अन्य कागजात भी बरामद किए गए हैं. दोनों को जेल भेज दिया गया और पुलिस मामले में अभी भी इस बात की जांच कर रही है कि ठगों के कोई और साथी तो नहीं सक्रिय हैं.
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