Bhagalpur: सदर अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट करीब डेढ़ माह से बंद

अधिक प्यूरिटी वाली ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं हो पा रहा है.

Update: 2024-06-15 09:25 GMT

भागलपुर सदर अस्पताल परिसर स्थित हजार पीएम वाला ऑक्सीजन प्लांट करीब डेढ़ माह से बंद है. इससे इस प्लांट से 90 प्रतिशत से अधिक प्यूरिटी वाली ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं हो पा रहा है.

इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. जबकि, ऑक्सीजन प्लांट पर सरकार का करीब लाखों रुपये खर्च हो चुका है. प्लांट के खराब रहने से भर्ती मरीजों को शुद्ध ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के नाम पर अस्पताल प्रबंधन के प्रतिमाह करीब लाख रुपये खर्च हो रहे हैं. इस ओर प्लांट से जुड़ी एजेंसी का ध्यान नहीं है. मरीजों को सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन आपूर्ति की जा रही है. प्रतिदिन 18 से 22 सिलेंडर खपत हो रही है. सिलेंडर की कीमत 400 रुपये है. सदर अस्पताल में 100 बेड, आईसीयू में 10, एसएनसीयू में 12 व शिशु वार्ड में 40 बेड हैं.

चिकित्सक के अनुसार 90 प्रतिशत से ऊपर प्यूरिटी होने पर ही मरीज को ऑक्सीजन दी जाती है. कोरोना काल में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए वर्ष 2021 में सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था. करीब वर्ष चालू होने के बाद प्लांट में लगाये गये मशीन से प्यूरिटी वाला ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं हो पा रहा है. इसका कारण पीएसए प्लांट की मशीन में जियोलाइट गुणवत्ता पूर्ण नहीं रह गया. साथ ही, प्लांट बिजली पर ही चालू हो रहा है. जेनेरेटर भी उपलब्ध है लेकिन जेनेरेटर कैसे चलेगा जब इसके लिए तेल की व्यवस्था नहीं गयी. इससे जेनेरेटर भी अब खराब होने लगा है.

200 एलपीएम वाला प्लांट अब तक चालू नहीं डीएस ने कार्यपालक निदेशक से यह भी बताया है कि अस्पताल परिसर में पीएसए प्लांट 200 एलपीएम भी स्थापित है. यह हर्ल के द्वारा दिया गया है. इससे आईसीयू व पीकू वार्ड (जिसमें अस्पताल अंतर्गत कुल ऑक्सीजन खपत का 75 प्रतिशत खपत है) में ऑक्सीजन आपूर्ति की जा सकती है. डीएस ने कार्यपालक निदेशक से अस्पताल में ऑक्सीजन की आवश्यकता को देखते हुए ऑक्सीजन प्लांट 1000 पीएम व पीएसए प्लांट 200 एलपीएम के रख-रखाव के लिए संबंधित एजेंसी को निर्देशित करने का अनुरोध किया है ताकि प्लांट से प्यूरिटी वाली ऑक्सीजन का उत्पादन हो सके.

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