खून-पेशाब की जांच रिपोर्ट गुम होने पर भागदौड़ से बचाएगा बार कोड

Update: 2023-07-30 06:26 GMT

भागलपुर न्यूज़: जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) में खून-पेशाब की जांच कराने वाले मरीजों को अब राहत मिलने वाली है. खून-पेशाब की जांच रिपोर्ट गायब होने के कारण दोबारा जांच के लिए खून के सैंपल देने की जहमत से न केवल मरीजों को निजात मिलेगी, बल्कि उन्हें जांच रिपोर्ट के लिए लैब से लेकर ओपीडी बिल्डिंग तक की भागदौड़ से मुक्ति भी मिल जाएगी.

मरीजों को यह राहत दिलाने के लिए अस्पताल प्रशासन बार कोड सिस्टम लगाने जा रहा है. इन दिनों मायागंज अस्पताल के ओपीडी में बने जांच रिपोर्ट वितरण केंद्र पर हर रोज एक से डेढ़ दर्जन मरीजों की जांच रिपोर्ट गायब हो जा रही है और मरीजों को दोबारा जांच के लिए खून के सैंपल देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. हॉस्पिटल मैनेजर सुनील कुमार गुप्ता बताते हैं कि मायागंज अस्पताल के ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के खून-पेशाब की जांच के लिए जब सैंपल लिया जाएगा तो उसी सैंपल वाले वायल पर बार कोड लगा दिया जाएगा. इसके अलावा ओपीडी में बने मरीज के रिक्विजिशन लेटर पर भी बार कोड लगाया जाएगा. दोनों बार कोड में मरीज का नाम-पता और मरीज की कौन-कौन सी जांच करनी है, उसका पूरा ब्योरा दर्ज होगा. सैंपल जब जांच के लिए अस्पताल के इंडोर स्थित क्लीनिकल पैथोलॉजी जाएगा तो वहां पर मौजूद डॉटा ऑपरेटर उस बार कोड को स्कैन करके पूरा रिकॉर्ड कंप्यूटर में सेव कर लेगा. बाद में जब सैंपल की जांच होगी तो सैंपल पर लगे बार कोड को स्कैन करने के बाद जांच रिपोर्ट को कंप्यूटर में दर्ज मरीज के ब्योरे के साथ एड कर लेगा. और उस जांच रिपोर्ट को प्रिंट करके उसे वितरण के लिए ओपीडी में बने सैंपल जांच रिपोर्ट वितरण केंद्र भेज देगा. इस प्रकिया के पूरी होने के बाद अगर किसी मरीज की जांच रिपोर्ट ओपीडी में बने केंद्र पर नहीं मिलती है या फिर गुम हो जाता है तो ऐसे में मरीज को जांच के लिए दोबारा खून देने की जरूरत नहीं होगी. क्योंकि मरीज को मिले रिक्विजिशन लेटर पर लगे बार कोड को स्कैन कर जांच रिपोर्ट डाउनलोड करते हुए उसका दोबारा प्रिंट निकाला जा सकेगा.

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