अवैध आरा मिल बंद कराने गई पुलिस टीम पर हमला

Update: 2023-06-21 13:30 GMT

मधुबनी न्यूज़: अवैध रूप से नरुआर गांव में चल रहे आरा मिल को बंद कराने गई वन विभाग की टीम एवं भैरवस्थान पुलिस पर भीड़ ने हमला कर दिया. इसमें एसआई हिमांशु कुमार हमले में चोटिल हुए हैं. इस मामले में वन विभाग एवं भैरवस्थान पुलिस अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी शुरू की है.

एसडीपीओ आशीष आनंद ने कहा कि हमलावर भीड़ में शामिल लोगों को चिन्हित करने एवं भीड़ को उकसाने वालों के पहचान कर मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. घटना की है. वन विभाग एवं भैरव स्थान थाना की पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है.

वन विभाग की टीम वनपाल तारकेश्वर कुमार के नेतृत्व बनरक्षी और भैरवस्थान थाना पुलिस के साथ नरूआर में छापेमारी करने दोपहर बाद पहुंची थी. एक आरा मशीन अवैध रूप से संचालित होने की सूचना वन विभाग को मिली थी. वहा पहुचते ही वन विभाग की टीम आरा मशीन के विभिन्न पार्ट जैसे चक्का, साइड, धुरा, ट्राली, सिक्कड़ आदि को खोलकर ट्रैक्टर पर लोड की. आरा मशीन के संचालक मनोज कुमार ठाकुर को भी हिरासत में लेकर पुलिस जीप पर बैठा लिया.

जैसे ही ट्रैक्टर के बाद जीप बढ़ी भीड़ ने जीप को रोक लिया. संचालक मनोज कुमार ठाकुर को जबरन उतार लिया. महिलायें पुलिस जीप के बोनट पर बैठ गई. हंगामा से मना करने पर भैरवस्थान थाना के एसआई हिमांशु कुमार के साथ धक्का मुक्की करने गली. एसआई को इसी दौरान उनके गले में चोट लगी. जिसका इलाज अनुमंडल अस्पताल में कराया गया. चोट लगने की पुष्टि भैरवस्थान एसएचओ रूपक कुमार अम्बुज ने की है. दूसरी तरफ वन विभाग ने आरा मशीन अवैध रूप से संचालन को लेकर व्यवहार न्यायालय के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में केस दर्ज करने की तैयारी में लगी थी. समान जप्त कर लिया गया है. वन विभाग की टीम में वनपाल तारकेश्वर प्रसाद, वनरक्षी प्रकाश कुमार, पिंकी कुमारी, शुभलक्ष्मी गौतम, नजराना खातुन एवं अन्नु कुमारी थीं. इधर, आरा मशीन के संचालक मनोज कुमार ठाकुर एवं उसके पिता दिलीप ठाकुर अपने आरा मशीन पर ही देखे गये. उन्होंने बताया कि वन विभाग की पुलिस पहुंची और वेवजह मारपीट प्रारंभ कर दी. सारा सामान खोलकर ट्रैक्टर पर लाद लिया. एक गमछा के नीचे रखे कमीज उठा लिया जिसमें 20 हजार नकद था. प्रारंभ में वन विभाग के एक कर्मी नाजायाज राशि भी दिये थे. पैसा लेकर भी जब्त सामान ले जा रहे थे. इसी कारण हंगामा हुआ. कोई मारपीट नहीं हुई. इन सभी आरोपों को वनपाल तारकेश्वर कुमार ने बेबुनियाद और मनगढ़ंत बताया है.

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