कितने डिग्री पर चमकी, पता लगाकर सुझाएंगे एहतियात

Update: 2023-06-29 13:30 GMT

मुजफ्फरपुर न्यूज़: बच्चों को कितने डिग्री तापमान पर चमकी बुखार हो रहा है, स्वास्थ्य विभाग इसका पता लगाएगा. इसके लिए इस वर्ष एईएस पीड़ित बच्चों पर अध्ययन किया जाएगा. इसमें देखा जाएगा कि जिन दिन बच्चों को चमकी हुई, उस दिन पारा कितना था.

एईएस के नोडल और जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि तापमान का डाटा तैयार कर लोगों को इस बारे में एहतियात बरतने का सुझाव देंगे. तापमान का डाटा रहने से पता चलेगा कि कितना डिग्री तापमान रहने पर बच्चों को यह बीमारी होती है. इसके बाद विभाग इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी करेगा.

एसकेएमसीएच भेजा जाएगा तापमान का डाटा स्वास्थ्य विभाग तापमान का डाटा लेकर एसकेएमसीएच भेजेगा ताकि वहां भी इस तापमान में होने वाली चमकी पर काम हो सके. एसकेएमसीएच के अलावा राज्य सरकार को भी इसकी जानकारी दी जाएगी. तापमान का डाटा तैयार होने पर अगले वर्ष से आशा और आंगनबाड़ी सेविकाओं को विशेष प्रचार का निर्देश दिया जाएगा. आशा व आंगनबाड़ी सेविका लोगों को बताएंगी कि 40 डिग्री या इससे अधिक पारा रहने पर बच्चों को चमकी बुखार से कैसे बचाएं.

● स्वास्थ विभाग पीड़ित बच्चों के आधार पर करेगा अध्ययन

● बीमारी पैदा करने वाले तापमान का पता लगा बनेगी एडवाइजरी

एम्स जोधपुर ने भी किया है तापमान पर शोध

एम्स जोधपुर ने भी एईएस के कारणों में तापमान के असर पर शोध किया है. टीम के नेतृत्वकर्ता डॉ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि तापमान अधिक होने बच्चों के माइटोकांड्रिया पर असर होता है जिससे बच्चों को चमकी आती है.

उन्होंने अपनी शोध रिपोर्ट आईसीएमआर और राज्य स्वास्थ्य विभाग को भी सौंपी है. उनकी टीम ने मीनापुर, मुशहरी और कांटी इलाकों में एईएस पीड़ित बच्चों और गैर एईएस पीड़ित बच्चों पर शोध किया था.

2019 से अब तक बीमार पड़े बच्चों का हो रहा सर्वे

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया कि विभाग 2019 से अब तक एईएस से बीमार बच्चों का भी सर्वे कर रहा है. इसके लिए टीम लगाई गई है. टीम बच्चों के परिजनों से पूछ रही है कि एईएस होने के बाद उन्हें दूसरी क्या परेशानी हुई.

इस वर्ष तीन बच्चे ऐसे आए हैं जिन्हें 2019 और 2022 में भी एईएस हुआ था.

जिले में अब तक मिल चुके हैं 33 मरीज

मुजफ्फरपुर जिले में एईएस के अब तक 33 मरीज मिल चुके हैं. सबसे अधिक औराई में एईएस के सात मरीज मिल चुके हैं. औराई के बाद बोचहां में छह और एईएस प्रभावित मीनापुर में चार मरीज मिले हैं. औराई में ज्यादा मरीज मिलने से औराई को भी एईएस प्रभावित प्रखंडों में शामिल कर लिया गया है.

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