विभागीय स्तर पर चालकों के विरुद्ध कार्रवाई सिर्फ कागजों पर दर्ज
जल्दी बड़ी कार्रवाई होगी
सिवान: यातायात नियमों का पालन नहीं करने पर कार्रवाई के लिए नियम तो कई बनाए गए, लेकिन उनका पालन सतही तौर पर नहीं होने से चालकों के हौसले भी बल्ले-बल्ले हैं. सड़क सुरक्षा पखवाड़ा या माह के दौरान हेलमेट से लेकर सीट बेल्ट समेत तमाम तरह के जागरुकता अभियान कार-बाइक चालकों को जागरूक करने के लिए चलाए जाते हैं. विभाग के इस अभियान का असर भी होता दिखता है, लेकिन बड़ी-बड़ी सड़क दुर्घटनाओं को अंजाम देने वाले बड़े वाहन चालक व मझोले स्तर के वाहन चालकों पर बड़ी कार्रवाई नहीं होने से कहीं न कहीं उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है. ऐसे में वह गंभीर से गंभीर सड़क दुर्धटना को अंजाम देकर चालक आराम से बच निकलते हैं. गंभीर दुर्घटना होने पर मौके पर भीड़ से बचने व आक्रोशित लोगों की पिटाई समेत पुलिसिया कार्रवाई से बचने के लिए अधिकतर चालक किसी न किसी रास्ते से फरार हो जाते हैं. बात सड़क दुघर्टनाओं के मामले में दोषी चालकों की पहचान की हो या उनपर केस दर्ज करने व कार्रवाई से जुड़ी या फिर लाइसेंस रद्द करने की. बताते हैं कि जिले में सड़क दुर्घटना में दोषी चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस व गाड़ियों का निबंधन रद्द करने की कार्रवाई के लिए सड़क दुर्घटना के बाद जांच के लिए बनी संयुक्त टीम की रिपोर्ट के आधार पर करने का निर्देष धरातल पर कम और कागज पर होता अधिक दिख रहा. लाइसेंस रद्द करने के लिए एमवीआई की ओर से संबंधित डीटीओ कार्यालय को अनुशंसा भेजे जाने में भी ढिलाई बरते जाने की बात अक्सर होती है. बताते हैं कि इस संदर्भ में परिवहन सचिव द्वारा डीटीओ को दिए गए निर्देश में पूर्व में कहा गया था कि तीन सदस्यीय टीम दुर्घटना स्थल पर जाकर दुर्घटना की जांच कर त्वरित कार्रवाई करें. टीम में जिला स्तरीय परिवहन, पुलिस व पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों को सदस्य बनाया गया है. सड़क दुर्घटना में मृतक के परिजनों को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का लाभ मिल सके, इस दिशा में भी कार्रवाई करने को कहा गया. मगर बात अगर इन निर्देशों का पूरी तरह से पालन करने की करें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.इसीके मद्देनजर विभाग ने कहा है कि
वाहन चालकों का लाइसेंस रद्द करने के लिए एमवीआई की ओर से संबंधित डीटीओ कार्यालय को अनुशंसा की जाएगी. संयुक्त जांच के लिए जिलास्तरीय परिवहन, पुलिस, पथ निर्माण व ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों को सदस्य बनाया गया है. हालांकि, विभागीय अधिकारी इससे सहमत नहीं दिखते हैं.दरअसल, हाल के दिनों में जिले में हुई विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं के कारणों व दुर्घटना के बाद की गई कार्रवाई के बारे में जिला परिवहन पदाधिकारी से जानकारी ली गई. जिलास्तर पर बनी टीम दुर्घटना स्थल पर जाकर दुर्घटना की जांच भी की, लेकिन दुर्घटना के कारणों का पता लगाकर उसे दूर करने में कहीं न कहीं शिथिलता भी बरती जा रही है. जांच के दौरान टीम सदस्यों द्वारा दुर्घटना में वाहन चालकों की गलती से जुड़ी ठोस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किए जाने व ऐसे चालकों का लाइसेंस रद्द नहीं करने से मामला उलझ कर रह जाता है.