नालंदा न्यूज़: मधुमेह व रक्तचाप पर नियंत्रण के लिए अस्पतालों में जांच की मुफ्त व्यवस्था है. तीन साल से स्क्रीनिंग कर इस तरह के रोगियों की पहचान कर उन्हें सलाह व दवाएं दी जा रही हैं. स्वास्थ्य विभाग ने आबादी आधारित स्क्रीनिंग की वर्ष 2022-23 की रैंकिंग जारी की है.
इसमें नालंदा जिले ने पिछले साल से एक रैंक की सुधार करते हुए दूसरा नंबर हासिल किया है. जबकि, शेखपुरा चौथे पायदान पर है. अरवल 131 फीसद के साथ अव्वल तो महज 17 फीसद उपलब्धि के साथ भोजपुर फिसड्डी रहा है. ताज्जुब यह कि जारी रैंकिंग में मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद व राझधानी पटना जैसे जिलों की उपलब्धि 22 फीसद से कम रही है. गैर संचारी रोग नियंत्री पदाधिकारी डॉ. राम मोहन सहाय ने बताया कि 30 साल से अधिक उम्र के 20 फीसद लोगों की स्क्रीनिंग की जाती है. नालंदा में वर्ष 2022-23 में दो लाख 52 हजार 239 लोगों की स्क्रीनिंग करने का लक्ष्य था. लेकिन, दो लाख 50 हजार 545 की स्क्रीनिंग की गयी. नंबर एक पर जाने का प्रयास निरंतर जारी रहेगा. इसमें नर्स गीता कुमारी व ममता कुमारी गांवों व कैंपों में जाकर बखुबी अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं. इसके अलावा सदर अस्पताल के एनसीडी (गैर संचारी रोग) क्लीनिक में भी लगभग डेढ़ सौ लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है.
अव्वल 5 जिले:
1. अरवल - 130.97 फीसदी
2. नालंदा - 99. 33 फीसदी
3. सहरसा - 98.69 फीसदी
4. शेखपुरा - 94.33 फीसदी
5. सुपौल - 86.71 फीसदी
फिसड्डी 5 जिले
38. भोजपुर - 16.94 फीसदी
37. मुजफ्फरपुर - 21.01 फीसदी
36. औरंगाबाद - 21.80 फीसदी
35. पटना - 21.86 फीसदी
34. वैशाली - 26.55 फीसदी