छपरा हिंसा में घायल एक और युवक की मौत, 10 फरवरी तक इंटरनेट को किया गया बैन
बिहार के छपरा में एक व्यक्ति की निर्मम तरीके से हत्या के बाद इलाके में तनाव फैला गया था. इस मामले में मृतक के पिता ने स्थानीय पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया था. उनका कहना है कि ये हत्या वर्चस्व के लिए हुई है. इस घटना में कई युवक घायल हो गए थे, जिनमें एक घायल युवक ने आज इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
दरअसल, 2 फरवरी की शाम साढ़े 4 बजे छपरा के मांझी थाना क्षेत्र में विजय राय और अन्य ग्रामीणों में आपस में झगड़ा हुआ था. इस दौरान कुछ लोग भागने लगे, जिसमें अमितेश कुमार सिंह को पकड़कर कुछ लोगों ने पीट दिया और उनकी मौत हो गई. वहीं राहुल कुमार, विक्की कुमार सिंह और आकाश कुमार सिंह इस झगड़े में जख्मी हो गए. इनमें राहुल ने आज इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने इस मामले में हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था, जिनमें 5 लोगों को नामजद और 50 अज्ञात को आरोपी बनाया गया था.
छपरा हिंसा मामले में पीटे गए दो पीड़ितों में से एक राहुल कुमार सिंह का पटना के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. राहुल ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. छपरा में आज तक के लिए निलंबित की गईं इंटरनेट सेवाओं को 10 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है.
बता दें कि इस मामले में मृतक अमितेश के पिता ने सीबीआई जांच की मांग की थी. उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया था. मृतक अमितेश के पिता ने कहा था कि महिला मुखिया ने अपने पति और समर्थकों के साथ मिलकर हत्या की घटना को अंजाम दिया.
उन्होंने कहा कि बेटा खेत में पानी देने निकला था. बंधक बनाकर उसकी हत्या की गई. इस मामले में बिहार के एडीजी जीएस गंगवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई देनी पड़ी थी कि लगाए गए आरोप गलत हैं. हमने निष्पक्ष कार्रवाई की है. छपरा के मुबारकपुर में गुरुवार को अमितेश की हत्या हुई थी. अमितेश और दो अन्य युवकों को मुखिया के पति और समर्थकों ने बंधक बनाकर पीटा था.
प्रतिक्रिया में भी हुई थी हिंसा
इस घटना के 3 दिनों बाद गांव के उपद्रवियों ने हत्या के आरोपी विजय यादव के घर पर पहुंचकर तोड़फोड़ कर दी थी. घर में रखे ट्रैक्टर-बाइक में आग लगा दी. हमले के बाद पुलिसकर्मियों ने घरवालों को बचाने की कोशिश की, जिसमें कुछ पुलिसवाले घायल भी हो गए थे.
एडीजी ने कहा था- दोनों पक्षों पर हुई कार्रवाई
इस मामले में सफाई देते हुए एडीजी जीएस गंगवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. घटना को लेकर असामाजिक तत्वों ने सोशल मीडिया पर अफवाह और भ्रम फैला दिया कि जाति और धर्म विशेष के खिलाफ इस घटना को अंजाम दिया गया है.
एडीजी मुख्यालय जीएस गंगवार ने कहा था कि जो पहला कांड है, उसमें लगता है कि कुछ अपराधी हथियार लेकर गए थे, फार्महाउस में उसी के रिएक्शन में उनको भगाने के उद्देश्य से उन लोगों को पीटा गया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई. 3 लोग घायल हो गए.
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