बक्सर न्यूज़: नौनिहालों को स्कूल पूर्व शिक्षा देने के लिए सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं. लेकिन, सरकारी अधिकारियों एवं आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका की मनमानीपूर्ण कार्यो के चलते मासूम शिक्षा से वंचित हो रहे हैं.
इसका खुलासा डीएम के निर्देश पर आंगनबाड़ी जांच के दौरान हुआ. साप्ताहिक जांच के तहत बीडीओ अमर कुमार ने हकीमपुर पंचायत का निरीक्षण किया. इस दौरान विभिन्न योजनाओं की अद्यतन जानकारी ली गई. साथ ही, सात निश्चय की योजनाएं, गली-नाली, हर घर नल का जल, जन वितरण प्रणाली की दुकानों सहित विद्यालय और आंगनबाड़ी केन्द्रों की जांच की गई.
जांच के दौरान हकीमपुर के आंगनबाड़ी केंद्र कोड संख्या 25 पर ताला लटका हुआ पाया गया. जिसके चलते जहां मासूम पठन-पाठन से वंचित रहे. वहीं, बीडीओ इस केंद्र की समुचित तरीके से जांच नहीं कर पाए. इस संबंध में बीडीओ ने बताया कि जांच के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र में ताला लटका पाया गया. केंद्र में ताला बंद रखने की रिपोर्ट जिले के आलाधिकारियों को सौंपी जाएगी. इस दौरान नल-जल योजना को भी सुदृढ़ करने का निर्देश दिया गया. इस मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी कर्मियों की मनमानी चरम है. वरीय अधिकारियों का निर्देश भी इनके लिए कोई खास मायने नहीं रखता. अपनी मनमर्जी के अनुसार केंद्र को खोला और बंद किया जाता है.
पलिया पंचायत में की गई विभिन्न योजनाओं की जांच: सरकार के निर्देश पर हर सप्ताह होने वाले बुधवारी जांच के क्रम में इस बार प्रखंड के पलिया पंचायत में सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जांच की गई. बीडीओ अशोक कुमार ने इसका निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि पलिया पंचायत के विभिन्न गांवों में स्थित स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, जनवितरण प्रणाली की दुकान, पैक्स गोदाम, उप स्वास्थ्य केन्द्र, सात निश्चय योजना और मनरेगा के माध्यम से क्रियान्वित नाली-गली, फेवर ब्लाक, पोखरा, नहर इत्यादि का जायजा लिया गया. उन्होंने बताया जांच के बाद इसकी रिपोर्ट डीएम को भेजी गई है.