अनुमंडल के सभी जीविका संकुल स्तरीय संघ को मिला कंप्यूटर सेट

कार्यक्रम झंझारपुर जीविका कार्यालय पर किया गया

Update: 2024-03-26 04:52 GMT

मोतिहारी: अनुमंडल के सभी 14 जीविका संकुल स्तरीय संघ (सीएफएल) को नया कंप्यूटर सेट प्रदान किया गया है. यह कार्यक्रम झंझारपुर जीविका कार्यालय पर किया गया. जीविका के डीपीएम वसीम अंसारी ने बताया कि सभी कंप्यूटर सेट झंझारपुर विधायक नीतीश मिश्रा के द्वारा उपलब्ध कराई गई है.

कार्यालय में कंप्यूटर सेट आने के बाद कार्य निष्पादन में पारदर्शिता के साथ तेजी आएगी. वितरण कार्यक्रम में मौजूद विधायक के प्रतिनिधि अमर झा, सुबोध मिश्रा आदि ने बताया कि अनुमंडल के सभी चार प्रखंडों में 14 सीएलएफ हैं. एक सीएफ में 40 से 45 जीविका का ग्राम संगठन होता है. एक ग्राम संगठन में 100 से 1 तक जीविका समूह रहती है और एक समूह में 10 से ज्यादा महिलाएं शामिल रहती है. इस प्रकार एक सीएलएफ में 40,000 जीविका दीदी जुड़ी रहती है. अनुमंडल में लगभग साढ़े पांच लाख जीविका दीदी को कार्यालय में अतिरिक्त कंप्यूटर सेट प्राप्त होने से सीधे फायदा होगा. कार्य निष्पादन में तेजी आएगी. विधायक नीतीश मिश्रा ने दूरभाष पर बताया कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में जीविका आज देश में एक उदाहरण बनी हुई है. इनको डिजिटल और सशक्त बनाने की दिशा में मेरा यह छोटा सा प्रयास है.

उन्होंने बताया कि इससे पूर्व विधानसभा अंतर्गत सभी 43 हाई स्कूल में भी कार्यालय उपयोग के लिए मेरे द्वारा नया कंप्यूटर सेट उपलब्ध कराया गया है. कंप्यूटर सेट वितरण कार्यक्रम में नगर परिषद अध्यक्ष बबीता शर्मा, पार्षद राघवेंद्र सिंह, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष विजय राउत, अमर जी झा, सुबोध मिश्रा, डीपीएम वसीम अंसारी, अनुमंडल के सभी प्रखंडों के बीपीएम क्रमश: राकेश रंजन, अमित कुमार, सुजीत कुमार, दिगंबर कुमार के अलावा मिथिलेश कुमार, विवेक महाजन, मोहम्मद गयासोमी, राजू मंडल, आशीष सिंह सहित भारी संख्या में जीविका दीदी मौजूद थी.

चार दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ उद्घाटन

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विवि के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एमएस कुंडू ने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने के लिए इसमें विविधिकरण व व्यवसायीकरण जरूरी है. इसके लिए किसानों को समूह बनाकर कार्य करना समय की मांग है. वे विवि के पंचतंत्र सभागार में पूर्णिया से आये किसानों को संबोधित कर रहे थे. मौका था कृषि में विविधिकरण के लिए उच्च मूल्य वाले फलों की फसलों का अनुकूलन एवं प्रबंधन विषय पर चार दिवसीय प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र का. उद्यान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. उदित कुमार ने भी संबोाधित किया.

कहा कि लगातार बढ़ रही जनसंख्या व जोत योग्य भूमि में कमी की चुनौतियों में परंपरागत उद्यानिक फसलों के संरक्षण के साथ ड्रैगन फ्रूट, स्ट्राबेरी, अनानास जैसे नये फसलो को बढ़ावा देने की जरूरत है. उपनिदेशक प्रसार डॉ. अनुपमा कुमारी ने कहा कि आम,लीची, जामुन जैसी परंपरागत फसलो को संरक्षित करने के साथ मांग के अनुरूप अन्य उद्यानिक फसलो का उत्पादन व इससे जुड़े कार्यो को बढ़ावा देने की जरूरत है. जिससे किसान आर्थिक रूप से सबल व सक्षम बन सके. उन्होंने कहा कि ड्रैगन फ्रूट की खेती महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक के साथ अब बिहार में काफी तेजी से बढ़ रहा है. अधिक पौष्टिक होेने के कारण शहरी क्षेत्र में इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है. किसान अपने छोटे रकवे में भी ऐसी खेती को बढ़ावा दे सकते हैं. इससे पूर्व समारोह की शुरुआत दीप प्रज्जवलित कर की गई.

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