बिहार की राजधानी पटना में विपक्ष की बैठक के बाद नए तौर पर PDA एलायंस का नाम आया सामने
बिहार की राजधानी पटना में विपक्ष की बैठक के बाद नए तौर पर PDA एलायंस का नाम सामने आया. पीडीए यानी कि पेट्रियोटिक डेमोक्रेटिक एलायंस. हालांकि अभी इस नए नाम पर शिमला में होने वाली 2 दिनों की बैठक में भी चर्चा होनी है. अब इस नए एलांयस को लेकर बिहार की राजनीति में घमासान मचा है. एक और बीजेपी विपक्ष के एलांयस PDA को परिवारवादी डेमोक्रेटिक गठबंधन करार दे रही है, तो वहीं कांग्रेस ने ऐसे किसी भी गठबंधन को सिरे से खारिज कर दिया है. बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता पहली बार नहीं, बल्कि कई बार बीजेपी को पटखनी देने के लिए विपक्षी पार्टियों ने एलायंस बनाया है, लेकिन ये कितनी बार सफल हुई और कितनी बार असफल हुई, ये हम आपको बताते हैं.
BJP के खिलाफ कब-कब एकजुट हुआ विपक्ष
UP विधानसभा चुनाव 2017 में SP ने कांग्रेस के साथ किया गठबंधन
अखिलेश और राहुल का फार्मूला मोदी लहर को रोकने में हुआ नाकाम
यूपी 2019 लोकसभा चुनाव में SP और BSP ने किया गठबंधन
1995 के गेस्टहाउस कांड के बाद दोनों पार्टियां पहली बार एक साथ आए
SP और BSP का गठजोड़ भी नहीं रोक पाया PM मोदी का विजयी रथ
बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में JDU, RJD और कांग्रेस ने किया गठजोड़
बिहार का ये फार्मूला बीजेपी के विजय रथ को रोकने में हुआ कामयाब
लोकसभा चुनाव 2019 में कर्नाटक में कांग्रेस और JDS ने किया गठबंधन
चुनाव के नतीजे गठबंधन के अनुकूल नहीं रहे, बीजेपी सीट से जीती BJP
राज्य की 28 सीटों में से 25 सीटें बीजेपी को मिली
UP विधानसभा चुनाव 2022 में BJP को हराने के लिए फिर हुआ गठबंधन
SP, RLD और ओमप्रकाश राजभर के साथ मिलकर लड़ा गया चुनाव
तीनों के मिलने के बावजूद राज्य में बीजेपी को मिली बंपर जीत
झारखंड वि. चुनाव 2019 में पड़ोसी राज्य की तरह महागठबंधन का हुआ प्रयोग
झारखंड में भी महागठबंधन फैक्टर रहा सफल, बीजेपी की हुई हार
बहरहाल, अब बीजेपी के सामने पटना में विपक्ष की ताकत को भी जान लेते हैं. अभी बीजेपी के पास लोकसभा में 301 और राज्यसभा में 93 सांसद हैं. इसके साथ ही 16 राज्यों में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की सरकार है. पटना में बैठक में जुटी विपक्षी पार्टियों के पास कुल मिलाकर लोकसभा में 140 सांसद हैं, जबकि राज्यसभा में 93 सदस्य हैं. इसके साथ ही 11 राज्यों में यहां जुटे दलों की सरकारें हैं. हालांकि इस बैठक में ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सत्ता में काबिज पार्टियां शामिल नहीं हुई थीं. अब देखना ये है कि विपक्ष का ये एलायंस लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर को रोक पाने में कामयाब होगा या फिर उन्हें पटखनी का सामना करना पड़ेगा.