संस्कृत विवि में डिजिटाइजेशन का नया रूप देखने को मिलेगा
इससे कार्यसंस्कृति में बदलाव आएगा और इसका ज्यादा लाभ छात्रों को मिलेगा.
दरभंगा: बहुत जल्द संस्कृत विवि में डिजिटाइजेशन का नया रूप देखने को मिलेगा. इससे नामांकन से लेकर परीक्षा परिणाम तक की सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होंगी और वह भी नए मॉड्यूल में. इससे कार्यसंस्कृति में बदलाव आएगा और इसका ज्यादा लाभ छात्रों को मिलेगा.
इसी कड़ी में कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय की मौजूदगी में भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का उपक्रम बीईसीआईएल यानीबेसिल की सदस्यीय विषेषज्ञों की टीम ने प्रोजेक्टर पर प्रस्तुति दी. इस दौरान विशेषज्ञों ने विश्वविद्यालय के लिए तैयार किये गए नए नए मॉड्यूल के माध्यम से विस्तार में यह बताने का भरपूर प्रयास किया कि नई डिजिटाइजेशन की व्यवस्था से विश्वविद्यालय की समस्त प्रबन्धन इकाई अपटूडेट हो जाएगी. टीम ने यह भी बताया कि किस प्रोसेस से नामांकन आवेदन किया जाएगा, फिर फाइनल नामांकन के लिए कौन से प्रक्रिया होगी. ऐसे ही परीक्षा विभाग के सारे कार्यों को ऑनलाईन किस मॉड्यूल से सम्पादित किया जाएगा, इसे भी टीम ने समझाया.
यह जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि विशेषज्ञों की टीम राजभवन के निर्देश पर नए मॉड्यूल को समझने विश्वविद्यालय आयी थी. टीम ने स्पष्ट कहा कि डिजिटाइजेशन के नए मॉड्यूल लागू हो जाने से विश्वविद्यालय की समेकित प्रबन्धकीय व्यवस्था बदल जाएगी और कार्यों में तेजी आ जायेगी. मालूम हो कि विश्ववविद्यालय और बेसिल के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) होना अभी शेष है.
कुलपति प्रो. पांडेय ने कहा कि मौजूदा दौर में डिजिटाइजेशन से कौन पीछे रहना चाहता है. हम लोग उम्मीद करते हैं कि विशेषज्ञों ने जो प्रजेंटेशन दिया है उसके अनुरूप कार्यों को करने से विश्वविद्यालय और छात्रों को लाभ मिलेगा. आगे की जो प्रक्रियाएं हैं उसे जल्द पूरी की जाएगी ताकि यहां नए मॉड्यूल में सभी कार्य होने लगे. मौके पर कुलसचिव डॉ. दीनानाथ साह, वित्त पदाधिकारी डॉ. जयकिशोर चौधरी, परीक्षा नियंत्रक शैलेन्द्र मोहन झा, सूचना वैज्ञानिक डॉ. नरोत्तम मिश्रा, डॉ. रामसेवक झा, डॉ. यदुवीर स्वरूप शास्त्रत्त्ी तथा राजेश कुमार झा मुख्य रूप से उपस्थित थे. सभी ने प्रस्तुतिकरण से जानकारी हासिल की.