अब तक 34 शव का हुआ पोस्टमार्टम
जहरीली शराब कांड में प्रशासन द्वारा इसे छुपाने का किस प्रकार खेल खेला जा रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक 74 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन पोस्टमार्टम सिर्फ 34 लोगों का कराया गया है। इस पूरे प्रकरण को दबाने के लिए पुलिस प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। यही कारण है कि ग्रामीण इलाकों में घूमकर पुलिस अधिकारी और चौकीदार स्थानीय लोगों को डरा धमका रहे हैं।
आरोप है कि स्थानीय लोगों से कहा जा रहा है कि शराब से मौत की जानकारी अगर हुई तो आप पर मुकदमा भी दर्ज होगा। इस डर से लोगों द्वारा शव का दाह संस्कार बिना पोस्टमार्टम कराए ही अपने स्तर से कर दिया जा रहा है। अब तक मात्र 34 लोगों के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। शुक्रवार की शाम तक छह मृतकों का पोस्टमार्टम हुआ था, वहीं चार लोग बिना पोस्टमार्टम कराए शव को लेकर चले गए थे।
जहरीली शराब पीने से मरने वाले लोगों के स्वजनों का यह भी आरोप है कि प्रशासन द्वारा पोस्टमार्टम कराने को लेकर काफी लापरवाही बरती जा रही है। चार- छह घंटे पोस्टमार्टम के लिए इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद भी कोई पूछने वाला नहीं है। उनकी मंशा यही रह रही है कि किसी तरीके से शव को लेकर वे लोग चले जाएं और पोस्टमार्टम की नौबत ही न आए।
मशरक थाना क्षेत्र के गोपालबारी गांव के रहने वाले मृतक मुकेश कुमार के स्वजनों का आरोप था कि वे लोग शव को लेकर छह घंटा से इंतजार करते रहे, लेकिन प्रशासन द्वारा टालमटोल किया जाता रहा। सिर्फ मुकेश कुमार के स्वजनों के साथ ऐसा नहीं हो रहा है, बल्कि अन्य लोग भी इससे परेशान हैं। यही कारण है कि कई लोग बिना पोस्टमार्टम कराए ही अपने स्वजनों का शव लेकर जा रहे हैं।
मशरक में होम डिलीवरी देने वाले महावीर रावत का मोबाइल नंबर बंद
मशरक के आसपास के इलाके में जहरीली शराब से लगातार हो रही मौत के बीच शराब की होम डिलीवरी करने वाले महावीर रावत काफी चर्चा में है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि शराब की खेप आने के बाद महावीर रावत मोबाइल से फोन कर लोगों को इसकी सूचना देते थे। घटना के बाद से उनका मोबाइल नंबर लगातार स्विच ऑफ बता रहा है।
जानकारी के मुताबिक, आरोप है कि मशरक थाना क्षेत्र के बिनटोली के रहने वाले महावीर रावत मोबाइल से शराब की होम डिलीवरी करते हैं। उन्होंने अपने मोबाइल नंबर को सभी शराब पीने वाले लोगों को दिया हुआ है। शराब की खेप आने के बाद लोगों को एक जगह एकत्रित कर शराब की सप्लाई की जाती है। जो लोग गंतव्य स्थान पर नहीं पहुंच पाते हैं उन्हें होम डिलीवरी भी दी जाती है। जहरीली शराब से हो रही मौत के बाद स्थानीय लोग चीख-चीखकर महावीर रावत का नाम ले रहे हैं। पुलिस भी उसकी तलाश कर रही है।
जो शराब पीयेगा वो तो मरेगा ही, कोई नई बात नहीं है : नीतीश कुमार
बिहार के छपरा जिले में जहरीली शराब (Chhapra Hooch Tragedy) से मरने वालों की संख्या 74 तक पहुंच गई है। इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने इस मामले में गुरुवार को जो बयान दिया, वह लोगों के गले नहीं उतरा। उन्होंने विधानसभा के बाहर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जो शराब पीयेगा, वो मरेगा ही। बिहार में जहरीली शराब से मौत कोई नई बात नहीं है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने यह भी कहा कि देशभर में लोग जहरीली शराब से मरते हैं। विपक्ष शराब के मुद्दे पर केवल राजनीति कर रहा है। जब बिहार में शराबबंदी नहीं थी, तब भी अन्य राज्यों में लोगों की मौत होती थी। लोगों को खुद सतर्क रहना चाहिए। चूंकि यहां शराबबंदी है तो कुछ न कुछ नकली बिकेगा, जिससे जान जाएगी। शराब खराब है और इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
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