न्यायालयों में 700 नोटरी की होगी बहाली, हर माह होती है जांच

Update: 2023-08-03 12:00 GMT

गया: बिहार के जिला और अनुमंडल समेत अन्य स्तरीय न्यायालयों में 700 नोटरी या नोटरी पब्लिक की बहाली होगी. विधि विभाग में एक हजार से अधिक इच्छुक वकीलों के आवेदन आ चुके हैं. इनकी जांच चल रही है. सभी आवेदनों की स्क्रूटिनी के बाद योग्य अभ्यर्थियों को सितंबर में इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा. सितंबर के अंत तक सभी नोटरी की बहाली की प्रक्रिया संपन्न हो जाने की संभावना है.

बहुत समय बाद राज्य में इतनी बड़ी संख्या में एक साथ नोटरी की बहाली प्रक्रिया होने जा रही है. विधि विभाग में इनका साक्षात्कार लेने के लिए विधि विशेषज्ञों की टीम तैयार की गई है. सफल होने के बाद सभी नोटरी को अब एक बार में पांच वर्ष के लिए ही लाइसेंस दिया जाएगा. इसके बाद इनके कार्यों का मूल्यांकन और सभी पहलुओं की समीक्षा करने के बाद ही आगामी पांच वर्षों के लिए इनका नवीनीकरण होगा. इनमें किसी का प्रदर्शन निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं रहा, तो उनके लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा.

हर माह होती है जांच

जिला न्यायालय या जिलाधिकारी के स्तर पर कोर्ट में नोटरी का औचक निरीक्षण कर कार्रवाई करने की बात कही जा चुकी है. इसके मद्देनजर हर माह जांच होती है. औसतन 15 से 20 नोटरी बिना इस नियम का सही तरीके से पालन किए ही एफिडेफिट करते पाए जाते हैं. ऐसे लोगों पर लाइसेंस तक रद्द करने की कार्रवाई की जाती है.

रजिस्टर रखरखाव में पाई जाती है गड़बड़ी

न्यायालयों में किसी तरह का एफिडेफिट (शपथ-पत्र) बनाने का मुख्य कार्य नोटरी पब्लिक का ही होता है. नोटरी का कार्य करने वाले वकीलों को एफिडेफिट करने वाले व्यक्ति की पूरी सटीक जानकारी या वैध प्रमाण-पत्र के साथ पूरा विवरण एक रजिस्टर पर लिखकर रखना अनिवार्य है. नाम और फोन नंबर ऐसा होना चाहिए कि कभी जरूरत पड़ने पर संबंधित व्यक्ति से संपर्क साधा जा सके. लेकिन नोटरी के स्तर से इस कार्य को ठीक से नहीं किया जाता है. बिना समुचित जानकारी लिए या आई कार्ड की पड़ताल किए ही एफिडेफिट कर दिया जाता है. इस लापरवाही के कारण फर्जी या जालसाजी करने वाले लोग भी एफिडेफिट करवाने में सफल हो जाते हैं. इस बात को लेकर विधि विभाग ने सख्त निर्देश जारी कर रखा है.

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