बिहार विधान परिषद चुनाव में निर्विरोध निर्वाचित हुए 7 उम्मीदवार
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बिहार में विधान परिषद चुनाव की सियासी सरगर्मी थम सी गई है. विधान परिषद के लिए सातों उम्मीदवारों को आज सर्टिफिकेट प्रदान कर दिया गया. क्योंकि इनके खिलाफ कोई भी कैंडिडेट खड़ा नहीं हुआ था. इस बार जब विधान परिषद के मानसून सत्र का आयोजन होगा, तो तस्वीर बदली-बदली सी नजर आएगी. क्योंकि परिषद में सत्ताधारी दल जदयू के सदस्यों की संख्या कम हो गई है. पहले जदयू की सदस्य संख्या 28 होती थी, जो अब घटकर 25 रह जाएगी. हालांकि वर्तमान में भी परिषद में सबसे बड़े दल का तमगा जदयू के सिर रहेगा. वहीं, बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी होगी. जबकि परिषद में राजद की संख्या 11 से बढ़कर 14 हो जाएगी.
विधान परिषद की 7 सीटों पर हुए चुनाव में अन्य लोगों ने नामांकन नहीं किया था. लिहाजा सभी 7 उम्मीदवारों के निर्विरोध निर्वाचन के बाद उन्हें जीत का सर्टिफिकेट दे दिया गया है. RJD की ओर से निर्विरोध निर्वाचित होने वालों में लालू की प्रशंसक मुन्नी देवी और अशोक पांडेय के अलावा कारी साहब रहे. उधर, जदयू की तरफ से अफाक अहमद, रविंद्र सिंह को सर्टिफिकेट दिया गया. बीजेपी की ओर से हरि सहनी और अनिल शर्मा ने सर्टिफिकेट लिया.
जदयू से निर्वाचित हुए रविंद्र सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार हमेशा अपने कार्यकर्ताओं को सम्मान देते हैं. उन्होंने परिषद में भेजकर ये साबित कर दिया है. अब हम परिषद में जनता की बात मजबूती से रखेंगे.
बीजेपी की ओर से निर्वाचित हरि सहनी और अनिल शर्मा ने सर्टिफिकेट लिया. वहीं राजद के सदस्यों ने कहा कि लालू यादव ने उन पर भरोसा जताया ये सराहनीय है. हम लोग युवाओं की आवाज उठाएंगे. विरोधियों को करारा जवाब दिया जाएगा. आरजेडी की तरफ से दलित चेहरा और आज भी कपड़ा धोकर अपना जीवन यापन करने वाली मुन्नी देवी ने कहा कि अबतक संघर्ष करती रही हूं, सदन में भी विरोधियों के खिलाफ संघर्ष करूंगी।