स्मार्ट सिटी में ड्रोन से तैयार होगा थ्रीडी मैप, मिलेगी सटीक जानकारी

Update: 2023-06-23 12:36 GMT

पटना न्यूज़: पटना स्मार्ट सिटी क्षेत्र का थ्रीडी मैप तैयार किया जाएगा. थ्रीडी डिजाइन मैप ड्रोन से तैयार होगा. पटना स्मार्ट सिटी का क्षेत्र आधारित विकास (एबीडी) 1781 एकड़ में होना है.

पहले चरण में एबीडी क्षेत्र का थ्रीडी मैप तैयार किया जाएगा. यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगा. सफलता मिलने पर पूरे पटना का थ्रीडी मैप तैयार करने की योजना बनेगी. इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से मैप को जोड़ा जाएगा. अभी तक पटना स्मार्ट सिटी टू डाइमेंशनल (टूडी) तकनीक पर काम कर रहा है. पटना स्मार्ट सिटी की निदेशक मंडल की बैठक में इस नई योजना को स्वाकृति दे दी गई है. साथ ही मौर्यालोक और पटना जंक्शन के पास निमार्णाधीन मल्टी मॉडल हब में थ्रीडी एलईडी डिस्प्ले लगाया जाएगा.

पटना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पहली बार सूबे के किसी शहर का थ्रीडी मैप तैयार करने की योजना बनायी गई है. इसको करीब 10 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा. पटना स्मार्ट सिटी टीम लीडर अनुपम सुनील ने बताया कि जल्द ही एजेंसी का चयन किया जाएगा और दो से तीन महीने में सर्वे पूरा होगा. यह प्रोजेक्ट खास इसलिए भी है क्योंकि इससे एबीडी क्षेत्र में स्थित घर, मकान, गली और सड़कों की स्थिति की जानकारी मिलेगी. इससे अफसरों को बहुत सहूलियत मिलेगी. काम आसान हो जाएगा.

एक क्लिक से अतिक्रमण का पता चलेगा

जीपीएस तकनीक से थ्रीडी मैप से यह भी पता चलेगा कि एबीडी क्षेत्र में किसने, कितनी सरकारी सड़क और जमीन का अतिक्रमण किया है. सरकारी रिकॉर्ड में सड़क की चौड़ाई कितनी है और लोगों ने अपन घर-मकान कितने क्षेत्र में बनाया है, इससे जानकारी मिल जाएगी. अभी तक अधिकारी सड़कों पर घूमने के बाद भी यह तय नहीं कर पाते कि किस व्यक्ति ने कितना अतिक्रमण कर रखा है. स्मार्ट सिटी में चौड़ी होने वाली सड़कों को थ्रीडी डिजाइन से देखकर अतिक्रमण को हटाया जा सकता है. शहर के भवनों की ऊंचाई व संख्या की जानकारी भी जीपीएस से जुटाई जा सकेगी. इससे भवनों की संख्या का सही पता लगने से नगर निगम की टैक्स वसूली भी बढ़ेगी.

जीपीएस बताएगा, ड्रोन करेगा तैयार

ड्रोन से जीपीएस से थ्रीडी डिजाइन से शहर का सर्वे मैप में बनेगा. थ्रीडी डिजाइन में जमीन और वायुमंडल का सर्वे होगा. इससे एक क्लिक पर एबीडी क्षेत्र में वायुमंडल और जमीन पर शहर की स्थिति का आकलन हो जाएगा. इससे धरातल पर अतिक्रमण और शहर के भवनों की ऊंचाई की एक डिजाइन तैयार हो जाएगी.

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