नालंदा में इस वर्ष मिले कैंसर के 15 नए रोगी

Update: 2023-06-28 06:00 GMT

नालंदा न्यूज़: जिला में इस वर्ष कैंसर के 15 नए रोगी मिले हैं. इनमें से मुंख, ब्रेस्ट व सर्वाइकल के पांच-पांच रोगी हैं. इनमें से रहुई प्रखंड के देकपुरा गांव की 60 वर्षीया महिला की कैंसर के कारण मौत भी हो चुकी है.

नवंबर 2022 से ही सदर अस्पताल में कैंसर रोग की पहचान के लिए बायोप्सी जांच की जा रही है. वर्ष 2022 में भी कैंसर के 28 रोगी मिले थे. इनमें से चार की मौत हो चुकी है. कैंसर बीमारी को हल्के में न लें. इसके लक्षण मिले, तो इसकी जांच कराएं. कैंसर की पुष्टि होने पर तुरंत इलाज शुरू करवाएं. कैंसर के मुफ्त इलाज की पूरी व्यवस्था सदर अस्पताल में है. इसके रोगियों के मुफ्त ऑपरेशन की व्यवस्था होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर में है. वहां से रोगी के आने-जाने तक का खर्च स्वास्थ्य विभाग ही देता है. कैंसर स्क्रीनिंग ऑफिसर डॉ. सूर्या एस भारती ने बताया कि शुरुआत में कैंसर बीमारी का पता ही नहीं चलता है. जब तक रोगी को पता चलता है, बहुत देर हो चुकी होती है. जबकि, इसके लक्षण के आधार पर शुरुआती में ही इसकी आसानी से पहचान की जा सकती है. कई रोगियों का ऑपरेशन व इलाज होमी भाभा कैंसर सेंटर से चल रहा है. नए रोगियों को भी जल्द ही वहां इलाज के लिए भेजा जाएगा. डॉ. सूर्या व डॉ. सोनम ने बताया कि सामान्य तौर से मुंह, स्तन व गर्भाशय कैंसर के अधिक रोगी मिलते हैं.

कैंसर बीमारी को लेकर लोग गंभीर नहीं कैंसर बीमारी को लेकर आम जनमानस गंभीर नहीं है. कैंसर के रोगी सब जानते हैं. लेकिन, कैंसर किस स्टेज तक है, कब से है, इसकी सही जानकारी नहीं मिल पाती है. इस कारण इलाज को लेकर भी रोगी गंभीर नहीं होता है. आईएमए के पूर्व सचिव डॉ. मिथिलेश प्रसाद ने बताया कि इसके लक्षण मिलते ही तुरंत इसकी जांच करानी चाहिए. महिलाओं में ब्रेस्ट व सर्वाइकल कैंसर होने की आशंक बनी रहती है. इससे बचने के लिए 35 साल के बाद महिलाओं को स्क्रीनिंग कराते रहना चाहिए.

मुंह के लक्षण

मुंह में सफेद या लाल छाले. मुंह का कम खुलना. तीखा, मसालेदार खाने पर मुंह में जलन होना. मुंह में ठीक न होने वाला जख्म व अन्य.

● नवंबर 2022 से ही सदर अस्पताल में हो रही बायोप्सी जांच

● वर्ष 2022 में मिले थे कैंसर के 28 रोगी 4 की हुई थी मौत

इन बातों की न करें अनदेखी

● शरीर के किसी भी हिस्से में लंबे समय तक दर्द हो.

● कोई बीमारी या परेशानी नहीं होने के बावजूद दर्द रहता है.

● छाती, फेफड़े, पेट में दर्द या सिरदर्द की समस्या बनी रहे.

● लंबे समय से खांसी या बलगम में खून आ रहा हो.

● मूत्राशय या पेशाब से जुड़ी परेशानी.

● महिलाओं में रजोनिवृति के बाद भी रक्तस्राव की समस्या.

● मल में खून आना या मसूढ़ों से खूना आना.

● बिना किसी कारण के वजन कम होते जाना.

● आंत से जुड़ी समस्या बनी रहे.

● हमेशा थकान महसूस होता रहे.

स्तन के अंदर या कांख में गांठ या घाव. स्तन के अग्र भाग से किसी तरह का स्राव होना. स्तन के बाहरी त्वचा के रंग में बदलाव, सिकुड़न या छिलना.

स्तनाग्र का अंदर की ओर खिंचना.

गर्भाशय कैंसर के सामान्य लक्षण मासिक अवधि के बीच के दिनों में रक्तस्राव. रजोनिवृति के बाद रक्तस्राव. बिना कारण कमजोरी, थकान या वजन कम होना. अनियमित मासिक स्राव व अन्य.

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