बैरिया में कचरे से रोज 15 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन

Update: 2023-09-07 04:22 GMT

पटना: राज्य के सभी नगर निकायों को 20 कलस्टर में विभाजित करके इनसे निकलने वाले ठोस एवं तरल कचरे का टिकाऊ प्रबंधन और रिसाइकिल के लिए प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जाएंगे. इसकी शुरुआत पटना से होगी.

यहां के रामचक बैरिया में मौजूद 86 एकड़ सरकारी भूमि में इस प्लांट को स्थापित किया जाएगा. इसमें कचरे को रिसाइकिल करने के साथ ही 15 मेगावाट बिजली भी रोजाना पैदा होगी. इसकी आपूर्ति पटना शहर को की जाएगी. नगर विकास एवं आवास विभाग ने इसकी समुचित कार्ययोजना तैयार कर ली है. विभागीय मंत्री सह

डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव की अध्यक्षता में विभागीय अधिकारियों के साथ ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की समीक्षा की गई. इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि पटना में लगने वाले प्लांट में पटना महानगर क्षेत्र के दायरे में आने वाले अन्य छोटे शहरों का कचरा भी लाकर इनका प्रबंधन किया जाएगा. इसमें पटना के अतिरिक्त बिहटा, दानापुर, खगौल, फुलवारीशरीफ, फतुहा, मनेर, मसौढ़ी, नौबतपुर, पुनपुन, संपतचक व बख्तियारपुर शामिल हैं. पटना में इस प्लांट के चालू होने के बाद इस मॉडल को अन्य शहरों के कलस्टर में स्थापित किया जाएगा.

इस बैठक के दौरान पटना में प्लांट को स्थापित करने से संबंधित आरएफपी (प्रस्ताव के लिए अनुरोध) इस महीने के अंत तक जारी करने पर सहमति बनी. आरएफपी आने के बाद इस प्लांट को स्थापित करने से संबंधित निविदा की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी. यह प्लांट मुख्य रूप से पीपीपी मोड पर काम करेगा. जबकि कचरा संग्रह करने की जिम्मेदारी सभी नगर निकायों की होगी. इस प्लांट में अपशिष्ट का निपटारा और प्रोसेसिंग के साथ गंदे पानी के प्रोसेसिंग की भी सुविधा होगी. यहां 100 टीपीडी (टन प्रति दिन) बॉयोमिथिनेशन का प्लांट भी होगा, जिसमें कचरे से निकलने वाली बेहद हानिकारक मिथेन गैस को निष्पादित करने का बेहतर प्रबंध होगा. इसके अलावा कंपोस्ट खाद, ठोस अपशिष्ट का निष्पादन समेत अन्य पदार्थों के अलग-अलग प्लांट होंगे

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