बक्सर न्यूज़: स्थानीय व्यवहार न्यायालय में दहेज हत्याकांड मामले में सुनवाई पूरी करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार द्वितीय ने पति, सास व ससुर को 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. न्यायिक सूत्रों ने बताया कि सूचक वुली राम गांव बभनी थाना बक्सर मुफस्सिल निवासी अपनी बेटी गीता देवी की शादी वर्ष 2017 में धर्मेंद्र राम के साथ हिंदू रीति रिवाज से की थी. शादी के बाद से ससुरालवाले दहेज में बाइक की मांग कर रहे थे. लेकिन, लड़की के परिवारजनों से बाइक देने में असमर्थता जाहिर की.
इसके बाद एक अचानक मायकेवालों को बेटी की पति के बहन से सूचना मिली कि 29 अगस्त 2020 को आपकी बेटी घर से भाग गई है. परिवार के लोगों ने काफी खोजबीन की. लेकिन, कहीं कोई सुराग नहीं मिला. इसी बीच 30 अगस्त 2020 को सूचना मिली कि खतिबा गांव के पास एक महिला का बरामद हुआ है. जिसकी पहचान गीता देवी के रूप में हुई. सूचक ने पति धर्मेंद्र राम, ससुर सुदर्शन राम एवं सास राधिका देवी के खिलाफ डुमरांव थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. पुलिस की चार्जशीट के बाद न्यायाधीश मनोज कुमार ने सुनवाई करते हुए गवाहों के बयान और साक्ष्य के आधार पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपितों को दोषी पाया. जिसके बाद पति, सास एवं ससुर को 10 वर्ष कारावास के साथ ही जुर्माना लगाया गया.