प्लांट रहते हर महीने हो रहा 10 लाख खर्च, डीएमसीएच में तीन ऑक्सीजन प्लांट ठप
दरभंगा न्यूज़: डीएमसीएच के तीन पीएसए ऑक्सीजन प्लांट महीनों से ठप पड़े हुए हैं. प्लांट के ठप रहने से अस्पताल प्रशासन की ओर से हर महीने औसतन 4,233 ऑक्सीजन सिलेंडरों की खरीदारी की जा रही है. इसके लिए 10 लाख रुपये से अधिक राशि खर्च करनी पड़ रही है.
दो तकनीशियनों के अलावा प्लांट और जेनरेटर के संचालन के लिए नौ कर्मियों के वेतन पर प्रतिमाह करीब 72 हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं. बताया जाता है कि तीनों प्लांट को दुरुस्त करने के लिए एजेंसी की ओर से छह लाख रुपए की मांग की गई है. सवाल यह उठता है कि अगर छह लाख की राशि में ऑक्सीजन प्लांट को दुरुस्त कराया जा सकता है तो फिर ऑक्सीजन सिलेंडरों की खरीदारी में हर महीने लाखों की राशि खर्च होने का औचित्य क्या है. दरअसल ऑक्सीजन प्लांट को दुरुस्त कराने के लिए अस्पताल प्रशासन के पास अलग से फंड की व्यवस्था नहीं है.
इसे देखते हुए प्लांट को दुरुस्त कराने के लिए बीएमएसआईसीएल को कई पत्र लिखे जा चुके हैं. पत्र में यहां तक कहा गया है कि प्लांट के ठप रहने से सिलेंडरों की खरीदारी में काफी राशि खर्च करनी पड़ रही है. जानकारों का भी कहना है कि प्लांट को दुरुस्त कर दिए जाने से सिलेंडरों की खरीद पर खर्च होने वाली राशि का बेहतर इस्तेमाल मरीज हित में किया जा सकेगा. बता दें कि ऑक्सीजन प्लांट के ठप रहने से इमरजेंसी और शिशु रोग विभाग में मेनिफोल्ड के जरिए आपूर्ति की जा रही है. इमरजेंसी के प्लांट की उत्पादकता झमता 2000 लीटर प्रति मिनट है. पिछले छह महीने से यह प्लांट ठप है. वहीं ठप पड़े शिशु रोग विभाग के ऑक्सीजन प्लांट की उत्पादकता झमता 1000 लीटर प्रति मिनट है. गायनी विभाग का प्लांट करीब तीन महीने से बंद पड़ा है. इसकी उत्पादकता झमता 280 लीटर प्रति मिनट है.