विधायक के फैसलें के बाद लाखों अल्पसंख्यकों में नाराजगी

बीजेपी की एक सहयोगी पार्टी भी विपक्ष में

Update: 2023-08-14 09:50 GMT

असम न्यूज: पूर्वोत्तर के अहम राज्यों में से एक असम में इन दिनों मुस्लिम नेताओं के साथ-साथ इस समुदाय के लोग भी परेशान हैं. इसके अलावा कई राजनीतिक दलों के नेता भी नाराज हैं, क्योंकि परिसीमन का मसौदा फाइनल हो चुका है. दरअसल, असम में कुल 14 लोकसभा सीटों के अलावा सभी 126 विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के मसौदे को जैसे ही अंतिम रूप दिया गया, इसे लेकर भारी विरोध शुरू हो गया है। 1976 के बाद परिसीमन की प्रक्रिया पिछले हफ्ते ही खत्म हुई है. आरोप है कि परिसीमन के अंतिम मसौदे में कुछ लोकसभा क्षेत्रों और विधानसभा क्षेत्रों में कटौती की गई है. इसके साथ ही कुछ इलाकों को खत्म कर दिया गया है. यहां तक ​​तो ठीक था, लेकिन कई विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित कर दी गई हैं. कुछ नेता इसके विरोध में भी हैं.

परिसीमन के अंतिम मसौदे के अनुसार, अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सीटों की संख्या पहले के 16 से बढ़ाकर 19 कर दी गई है। इसी तरह, जिन 5 विधानसभा क्षेत्रों से अल्पसंख्यक समुदायों से विधायक चुने गए थे, वे अब अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं। परिसीमन में एक और बात जो सामने आई है वह यह है कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटें भी बढ़ा दी गई हैं. अब अनुसूचित जाति की सीटें बढ़कर 8 हो गई हैं, जो पहले 8 ही थीं. यानी अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए ज्यादा अवसर होंगे.

बीजेपी की एक सहयोगी पार्टी भी विपक्ष में है

इस ड्राफ्ट का न सिर्फ मुस्लिम समुदाय के नेता विरोध कर रहे हैं, बल्कि अन्य पार्टियां भी धीरे-धीरे आगे आ रही हैं. इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी और असम गण परिषद के अमगुरी से विधायक प्रदीप हजारिका ने ड्राफ्ट के विरोध में पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि नए परिसीमन में यह सीट खत्म कर दी गई है. इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन तेज हो सकता है, क्योंकि परिसीमन के बाद गोलपाड़ा की चार विधानसभा सीटों में से दो पर मुस्लिम समुदाय के लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इसके अलावा सैकड़ों गैर-आदिवासी मूल के लोगों को भी इसमें प्रतिनिधित्व नहीं मिलेगा.

यहां बता दें कि असम के कुल 33 जिलों में से 9 जिलों में मुसलमानों की आबादी हिंदुओं से ज्यादा है. ये जिले हैं बारपेटा, धुबरी, करीमगंज, गोलपारा, नागांव, बोंगाईगांव, मोरीगांव, हैलाकांडी और दरांग। यह भी सच है कि असम में बांग्लादेश से आए मुस्लिम और हिंदू दोनों ही बड़ी संख्या में रह रहे हैं।

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